सूरत| शहर के अहमदाबाद मुंबई हाईवे पर सूरत कामरेज चौकड़ी के पास खोलवाड़ गांव में दीनबंधु चैरिटेबल ट्रस्ट के हॉस्पिटल के पीछे वात्सल्यधाम के नाम से वसंतभाई गजेरा द्वारा गरीब अनाथ लोगों के सेवा सत्कार तथा ऐसे बच्चों के विकास व पालन पोषण हेतु वात्सल्यधाम का संचालन किया गया है। वात्सल्यधाम में ऐसे स्कूल की स्थापना किया गया है जिसमें 10000 बच्चों को शिक्षा दी जा सकती है। अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार स्कूल में लगभग 1000 बच्चों को संस्कार रहित शिक्षा दी जा रही है। स्कूल के डायरेक्टर संचालक वसंतभाई गजेरा की थोड़ी सी तबीयत बिगड़ जाने की खबर का स्कूल में जैसे पता चला वैसे ही स्कूल की देखरेख करने वाले मैनेजर भानु भाई ने स्कूल के बच्चों को हॉल में बिठाकर हारमोनियम झांझ तबला के साथ अच्छे स्वर में हनुमान जी की मूर्ति रखकर प्रतिमा के सामने 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया और हनुमान जी से यह मन्नत मांगी कि भगवान स्वरूप हमारे दादा को जल्दी से आराम हो जाए।
बच्चों के अंदर ऐसा संस्कार देखकर यह एहसास हुआ कि यही गरीब बच्चों को अगर यह ठिकाना नहीं मिलता तो ऐसा संस्कार और ज्ञान नहीं हो पाता यह अपनी बेरोजगारी दूर करने के लिए कहीं चाय की दुकान पर गिलास धोते कहीं गैरेज में काम करते पकौड़ा तलते और हिंदू मुस्लिम के नाम पर जय श्री राम का नारा लगाते तथा मारपीट करते। सोचो दोनों कार्यों में कितना फर्क है। इसी विद्यालय में यह ज्ञान दिया जाता है कि ना हिंदू बनेगा ना मुसलमान बनेगा इंसान की औलाद है इंसान बनेगा और उस स्कूल के अंदर मंदिर व मस्जिद दोनों की स्थापना की गई है।
मित्रों ठीक इसी तरह की व्यवस्था वसंत गजेरा द्वारा अशोक महापात्रा के नेतृत्व में उड़ीसा के भुवनेश्वर में 5000 से अधिक बच्चों के पढ़ने रहने खाने यानी पूरे जीवन जीने की सुविधा व्यवस्था उपलब्ध की जा रही है। जिसका पूरा संचालन उड़ीसा के अशोक महापात्र द्वारा किया जाएगा। यह भारत का दूसरा वात्सल्यधाम होगा इसे कहते हैं धर्मात्मा यानी धर्म की आत्मा।