पीएम मोदी ने सूरत शहर व ज़िले को 3472 करोड़ रुपए के 53 विकास कार्यों की भेंट दी

सूरत (ईएमएस)| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया है कि जब सभी लोगों का प्रयास मिलता है, तब विकास की गति भी तेज़ बनती है औ देश भी तेज़ी से विकसित होता है। मोदी ने नवरात्रि के पावन पर्व पर गुरुवार को सूरत शहर-ज़िले में 3472.54 करोड़ रुपए के विभिन्न 59 विकास कार्यों का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया। उन्होंने सूरत महानगर पालिका के 2429.18 करोड़ रुपए, ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट के 369.60 करोड़ रुपए तथा केन्द्र व राज्य सरकार के 673.76 करोड़ रुपए सहित कुल 3472.54 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने जलापूर्ति के 672 करोड़ रुपए के कार्यों, 890 करोड़ रुपए के ड्रैनेज प्रोजेक्ट्स, 139 करोड़ रुपए की लागत वाले बायोडाइवर्सिटी पार्क तथा अन्य विकास कार्यों पब्लिक इन्फ़्रास्ट्रक्चर, हेरिटेज रिस्टोरेशन, सिटी बस/बीआरटीएस इन्फ़्रास्ट्रक्चर, इलेक्ट्रिक व्हीकल इन्फ़्रास्ट्रक्चर तथा केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए विकास कार्यों का शिलान्यास किया। इनके परिणामस्वरूप डाइमंड सिटी ऑफ़ इंडिया के रूप में विख्यात सूरत शहर सहित ज़िले के विकास को अधिक वेग मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में सूरत शहर में हुए विकास से दुनिया के सबसे तेज़ी से विकसित हो रहे शहरों में सूरत का समावेश होता है। सूरत ने देश के अन्य शहरों के सापेक्ष में बहुत ही तेज़ी से प्रगति है। उन्होंने इसकी प्रशंसा की। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश के सभी लोगों के सूरत में बसे होने तथा विविधता में एकता दर्शन होने के कारण यह शहर मिनी हिन्दुस्तान की प्रतीति कराता है। श्रम का सम्मान करना सूरत की विशेषता है। यहाँ दक्षता का सम्मान होने के साथ प्रगति की आकांक्षा पूरी होती है और जीवन में आगे बढ़ने के सपने साकार होते हैं। इतना ही नहीं, यह शहर विकास की राह में पीछे रह गए वर्गों को उनका हाथ पकड़ कर आगे ले जाता है। सूरत की यह भावना आज़ादी के अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण में बड़ी शक्ति बनने वाली है। उन्होंने कहा कि सूरत ने अतीत में महामारी, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है और उन आपदाओं को अवसर में पलट कर यह शहर पुन: उठ खड़ा हुआ है। सूरत ने इस विकास के लिए दो दशक पूर्व एक मॉडल अपनाया था। यह मॉडल यानी पीपीपी यानी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप की चर्चा होती थी, परंतु सूरत ने इन तीन ‘पी’ में चौथा पीपल्स का ‘पी’ अपना कर विकास का नया मॉडल देश के समक्ष प्रस्तुत करके यह दिखा दिया है कि किसी भी शहर की प्रत्येक क्षेत्र में ब्रैंडिंग कैसे होती है ? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारे समक्ष सूरत की अनेक प्रकार की छवियाँ हैं। सूरत का भोजन प्रसिद्ध है। विकास की राह पर चलने वाले सूरत ने अब सेतु शहर के रूप में पहचान स्थापित की है। इसके साथ ही सूरत ने पहले डायमंड सिटी, ग्रीन सिटी, टेक्सटाइल सिटी के बाद अब क्लीन सिटी तथा स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान बनाई है। केन्द्र तथा राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दे रही हैं। ऐसे में सूरत शहर में 25 चार्जिंग स्टेशन शुरू हुए हैं तथा अभी और 500 चार्जिंग स्टेशन शुरू किए जाएंगे। सूरत में आगामी समय में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के 80 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक होंगे, जिससे सूरत इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी के रूप में भी पहचाना जाएगा। सूरत शहर मानवता, राष्ट्रीयता तथा समृद्धि के संगम से सभी को साथ जोड़ने का कार्य कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सूरत के कपड़ा व हीरा उद्योग से अनेक परिवारों को रोज़ागर मिल रहा है और अब ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट पूर्ण होने पपर सूरत समग्र विश्व में डायमंड ट्रेड सेंटर के रूप में विकसित होगा।


पीएम मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सूरत में पावरलूम्स मेगा क्लस्टर बनाने को मंज़ूरी दी है, जिसके कारण प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं का निराकरण तथा व्यापारियों को लाभ होगा। इसके साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा नई राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति घोषित की गई है, जिसके कारण सूरत के व्यापार-कारोबार को अधिक लाभ होगा। मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी वाली घोघा-हज़ीरा रोरो पैक्स फ़ेरी से ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा बढ़ी है। इससे सौराष्ट्र के भावनगर, अमरेली जैसे क्षेत्रों के कृषि अग्रमि क्षेत्र की सूरत के साथ दूरी कम हुई है। इसमें भीहज़ीरा ट्रमिलन तैयार होने पर और रूट खुलेंगे एवं कृषि क्षेत्र को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सूरत का कपड़ा बाज़ार काशी एवं पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश के साथ अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। सूरत से काशी तक माल-सामान की आसान हेराफ़ेरी के लिए एक कारगो ट्रेन शुरू की जाने वाली है। सूरत शहर ने ग़रीबों को आवास देने का कार्य भी अच्छी तरह किया है। सूरत शहर में शहरी ग़रीबों के लिए लगभग 80 लाख आवासों का निर्माण किए जाने से झुग्गियों में रहने वाले लोगों को अच्छा आश्रय स्थान मिला है और उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व में तत्कालीन केन्द्र सरकार के समक्ष बार-बार मांग किए जाने के बावजूद सूरत को हवाई अड्डा नहीं दिया जा रहा था। अब इस डबल इंजन सरकार ने सूरत में आधुनिक एयरपोर्ट के साथ-साथ मेट्रो ट्रेन का प्रोजेक्ट भी दिया है। हमारी सरकार जनावश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न परियोजनाओं को न केवल तेज़ी से मंज़ूरी देती है, वरन उन परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण भी कराती है। मोदी ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा, “नवरात्रि के पावन अवसर में मुझे गुजरात की धरती पर अंतरढाँचागत सुविधाओं में वृद्धि करने वाले विकास कार्यों, खेल, संस्कृति एवं आस्था से जुड़े आयोजनागत कार्यों को जनता को समर्पित करने में सहभागी होने तथा गुजरात का गौरव बढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। गुजरात में विकास के लाभ घर-घर पहुँच रहे हैं। यह आनंद की बात है।”

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