प्रधानमंत्री ने सूरत की ‘रबर गर्ल’ को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से किया गया सम्मानित

अहमदाबाद | कहते हैं हौसले बुलंद हो और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो इनसान कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है। इस बात को चरितार्थ किया है सूरत की दिव्यांग बेटी अन्वी झांझरूकिया ने। जिसने अपने हौसलों की परवाज से उस मंजिल को हासिल किया है, जहां तक पहुंचना आम लोगों के लिए बस एक स्वप्न होता है। योग के क्षेत्र में विशिष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए अन्वी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित किया है। अपनी शारीरिक अक्षमता के बावजूद निरंतर कड़ी मेहनत और सीखने की ललक से योगासन में महारत हासिल कर ‘द रबर गर्ल’ का तमगा प्राप्त करने वाली सूरत की बच्ची अन्वी झांझरूकिया को सोमवार, 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2022’ से नवाजा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए देशभर से 600 बच्चों की ओर से आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसके अंतर्गत वर्ष 2022 के लिए 29 बच्चों का चयन किया गया। जिसमें गुजरात की एकमात्र सूरत की बेटी अन्वी ने यह पुरस्कार हासिल कर पूरे गुजरात का नाम रोशन किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस बेटी को ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ का उपयोग करके अवॉर्ड एवं एक लाख रुपए की धनराशि प्रदान की। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पांच से अठारह वर्ष की आयु के बच्चों को खेल, समाज सेवा, शिक्षा, कला संस्कृति और वीरता के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए दिया जाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात की इस 13 वर्षीय दिव्यांग बेटी को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का सम्मान प्राप्त करने के लिए बधाई दी है। सूरत और गुजरात का गौरव बढ़ाने वाली इस बेटी को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर गिर सोमनाथ जिले में आयोजित होने वाले राज्यस्तरीय समारोह में सम्मानित किया जाएगा।


अन्वी जन्मजात कई तरह की शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों से जूझ रही है। जन्मजात हृदय विकार होने के कारण उसकी ओपन हार्ट सर्जरी हो चुकी है और अभी उसे माइट्रल वाल्व लीकेज है। 21 ट्राइसोमी एवं हार्श स्प्रिंग डिजीज के कारण बड़ी आंत में भी क्षति है। 75 फीसदी बौद्धिक दिव्यांगता वाली अन्वी को बोलने में भी कठिनाई होती है। इसके बावजूद उसने 11 वर्ष की उम्र से योग सीखना शुरू किया और योग के चलते ही आज उसने यह उपलब्धि हासिल की है। अनेक शारीरिक समस्याओं और बाधाओं के बावजूद अन्वी ने दृढ़ मनोबल एवं कड़े परिश्रम के बूते योग के क्षेत्र में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की अनेक प्रतिस्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता है। पिछले तीन वर्षों में उसने राष्ट्रीय स्तर की योग प्रतिस्पर्धाओं में 3 स्वर्ण पदक और 2 कांस्य पदक जीते हैं। कुल 42 योग प्रतियोगिताओं में भाग लिया है और 51 पदक अर्जित किए हैं। अन्वी 112 से अधिक योगासन कर सकती है। इतना ही नहीं, अन्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दो लाख से ज्यादा लाइक भी हासिल किए हैं। अन्वी झांझरूकिया को योगासन में विशिष्ट योगदान के लिए 3 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के करकमलों से ‘क्रिएटिव चाइल्ड विथ डिसेबिलिटी’ श्रेणी में नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्राप्त करने वाले देश के विभिन्न राज्यों के 6 बच्चों के साथ संवाद कर उन्हें प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अन्वी की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि, ‘अन्वी ऐसे दिव्यांग बच्चों के लिए रोल मॉडल है, जो थोड़ी मेहनत कर सामान्य जीवन जी सकते हैं।’ प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2022 विजेता अन्वी विजयभाई झांझरूकिया को सूरत और गुजरात को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवांवित करने के लिए भी भूपेंद्र पटेल ने बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से संबोधित करते हुए यह अवॉर्ड और पुरस्कार राशि प्रदान की। इस अवसर पर सूरत जिला कलक्टर कार्यालय में अन्वी के माता-पिता अवनीबेन और विजय झांझरुकिया, सूरत की महापौर हेमाली बोघावाला सहित जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।

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