भारतीय प्रेस परिषद ने लगाई चुनावी अनुमानों, रुझानों और ‘पेड न्यूज’ पर रोक

नई दिल्‍ली । पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले, भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने प्रिंट मीडिया से उसके द्वारा निर्धारित पत्रकारिता आचरण के मानदंडों का पालन करने और ‘पेड न्यूज’ प्रकाशित करने से बचने को कहा है।
परिषद ने प्रिंट मीडिया से ऐसी कोई भी खबर या अन्य सामग्री नहीं छापने को कहा जो जन प्रतिनिधि अधिनियम 1951 का उल्लंघन करती हो।
पीसीआई ने एक बयान में कहा, “भारत में चुनाव हमारे लोकतंत्र की रीढ़ हैं और मीडिया पर सभी संबंधित जानकारी को जनता तक पहुंचाने की भारी जिम्मेदारी है।” भारतीय प्रेस परिषद चुनाव की कवरेज के संबंध में प्रिंट मीडिया को नौ बिंदुओं वाले परामर्श में कहा है, “भारतीय प्रेस परिषद मीडिया को सलाह देती है कि पेड न्यूज पर जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 126 और पत्रकारिता आचरण के मानदंड -2020 का उल्लंघन न करें।”
पीसीआई ने अपने परामर्श में प्रिंट मीडिया से निर्वाचन आयोग, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के सभी आदेशों और निर्देशों का पालन करने को कहा है जो समय-समय पर जारी किए जाते हैं।
परिषद ने प्रिंट मीडिया से कहा कि वह मतदान के अंतिम 48 घंटे के दौरान चुनाव से संबंधित किसी तरह की सामग्री का अखबारों में प्रकाशन नहीं करें और इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर जनप्रतिनिधि कानून की धारा 126 के तहत दो साल तक की सज़ा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
पीसीआई ने कहा कि कोई भी समाचार पत्र मतदान की अंतिम तारीख तक ‘एक्जिट-पोल’ सर्वेक्षण प्रकाशित नहीं करेगा, चाहे वे कितने भी वास्तविक क्यों न हों। भारतीय प्रेस परिषद कहा कि सांप्रदायिक या जाति के आधार पर चुनाव प्रचार नियमों के तहत प्रतिबंधित है और परिषद ने प्रिंट मीडिया को उन खबरों से बचने की सलाह दी जो धर्म, जाति, नस्ल, समुदाय या भाषा के आधार पर लोगों के बीच दुश्मनी या नफरत की भावनाओं को बढ़ावा देती हों। भारतीय प्रेस परिषद कहा कि मीडिया किसी भी उम्मीदवार या पार्टी के खिलाफ अपुष्ट आरोपों का प्रकाशन नहीं करे।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में 10 फरवरी से सात मार्च के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं और मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।

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