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अहमदाबाद | गुजरात में चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ के कारण समुद्र तट पर स्थित और चक्रवात की जद में आने वाले जिलों में जान-माल का नुकसान कम से कम हो उसके लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोमवार को गांधीनगर से टेलीफोन के जरिए विभिन्न जिलों में नियुक्त किए गए मंत्रियों और प्रभारी सचिवों के साथ चर्चा कर उनके द्वारा स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक तंत्र के साथ समन्वय करते हुए किए गए कार्यों तथा परिस्थिति और उससे निपटने के लिए की गई तैयारियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात सरकार चक्रवात के खिलाफ ‘जीरो कैजुअल्टी’ के संकल्प के साथ दिन-रात कार्यरत है। केंद्र सरकार की ओर से लगातार आवश्यक मदद की जा रही है। संभावित चक्रवात से प्रभावित होने वाले जिलों में राहत और बचाव कार्यों में कहीं कोई कमी न रह जाए उसके लिए राज्य के मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो स्थल पर मौजूद रहकर प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ समन्वय करते हुए संभावित परिस्थिति से निपटने के लिए निरंतर कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने आज गांधीनगर से ‘तौकते’ चक्रवात से निपटने की तैयारियों को लेकर जिन मंत्रियों से टेलीफोन के जरिए बातचीत की उनमें गिर-सोमनाथ में भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, पोरबंदर में जयेशभाई रादड़िया, जूनागढ़ में जवाहरभाई चावड़ा, कच्छ में दिलीप कुमार ठाकोर और वासणभाई आहिर, देवभूमि द्वारका में धर्मेन्द्रसिंह जाडेजा, अमरेली में कुंवरजीभाई बावलिया, भावनगर में गणपतभाई वसावा और विभावरीबेन दवे, राजकोट में सौरभभाई पटेल, मोरबी में योगेशभाई पटेल, जामनगर में आर.सी. फलदू, सूरत में कुमारभाई कानाणी, वलसाड़ में रमणभाई पाटकर, नवसारी में ईश्वरभाई परमार और भरुच में ईश्वरसिंह पटेल से चर्चा कर हालात की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।