युक्रेन बॉर्डर से छात्रों का इंतेजार करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शेयर की तस्वीर, तो लोग लेने लगे मजे

नई दिल्ली । यूक्रेन-रूस युद्ध के रुकने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। भारत सरकार, यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के स्वदेश वापसी के लिए लगातार कार्य कर रही है। भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में चार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू, हरदीप सिंह पुरी और वीके सिंह पहुंचे हुए हैं। ये चारों मंत्री वहां रहकर भारतीय छात्रों की वापसी के काम को अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें वे यूक्रेन बॉर्डर पर भारतीय लोगों का इंतजार कर रहे हैं। ट्विटर पर तस्वीर शेयर करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा कि युक्रेन-रोमानिया के सरहद पर हमारे भारत के बेटों-बेटियों का इंतज़ार करते हुए। ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस ट्वीट पर अब लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग केंद्रीय मंत्री की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ लोग तंज कस रहे हैं।
पत्रकार रणविजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा “सबसे कठिन काम है इंतजार करना, आप वही कर रहे हैं। आपकी मेहनत को सलाम, 11-12 घण्टे होने आए, कुर्सी ले लीजिए, खड़े खड़े थक गए होंगे महाराज।” मोहम्मद नाम के यूजर ने लिखा “मान्यवर एक सवाल है, अगर बच्चे दूसरे देश के बॉर्डर पर आ ही जाएंगे तो फिर आप किस बात का श्रेय लेने वहां हैं?” किरण खेनवार नाम की यूजर ने लिखा “परिवार से दूर हर बच्चों को अपनापन का एहसास कराने और उन को सुरक्षित महसूस कराने का महान कार्य उसके लिए हम सभी की तरफ से आपको हृदय से धन्यवाद।” श्रवण गोस्वामी नाम के यूजर ने लिखा “महाराज, आपको भी मोदी जी की तरह कैमरे का शौक हो गया। आप वहां बच्चों को लेने गए हैं, फोटो खिंचवाने के लिए नहीं। पर लगता है यह संगत का असर है।” विजय ठाकुर नाम के यूजर ने लिखा “कहने को प्लेन, पायलेट भी स्टूडेंट्स को लेकर आ सकते थे किन्तु पहली बार देखने को मिला कि जनप्रतिनिधि उससे बढ़ कर भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।” पोनी जाट नाम के यूजर ने लिखा “अच्छे भले महाराज को चौकीदार बना दिया।” अंकित नरेंद्र रघुवंशी नाम के यूजर ने लिखा “आप का दायित्व उन्हें यूक्रेन से लाने का है ना कि रोमानिया बॉर्डर से।” याशीर नाम के यूजर ने लिखा “जब इंतजार ही करना था तो अपने देश में भी रह कर सकते थे, देश का कुछ पैसा तो व्यर्थ होने से बच जाता।” शुभम अवस्थी नाम के यूजर ने लिखा “लोग कहते हैं कि नेताओं को केवल भाषण देना आता है, आपने वो झूठ साबित कर दिया।” वंदना दवे नाम के यूजर ने लिखा “राजा साहब को सीमा पर बच्चों के इंतजार और इंतज़ाम के लिए भेजा गया। उन्हें कभी कल्पना भी नहीं रही होगी कि उड्डयन मंत्री के खाते में ये जिम्मेदारियां भी आएगी।”

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