

सूरत। सूर्य पुत्री तापी सिर्फ एक नदी नहीं बल्कि सूरत की सभ्यता का गौरव और सूरत की जीवनधारा है, ऐसी पवित्र नदी की जयंती के अवसर पर, हमारे विद्यालय के संस्थापक स्वामी हरिवल्ला भदासजी के आशीर्वाद और प्रशासक दिनेशभाई बी गोंडलिया के प्रोत्साहन से कक्षा 10 के छात्रों और शिक्षकों द्वारा तापी माता की पूजा की गई। तापी के पानी जैसा कोई बीज नहीं है लेकिन हमारी वजह से इतनी पवित्र नदी को नुकसान हुआ है। इसे पुनर्जीवित करने के लिए विद्यालय के विद्यार्थियों ने स्वयं नदी के किनारे एकत्र कूड़ा-कचरा उठाकर सफाई अभियान चलाया। उन्होंने नाटक के माध्यम से आसपास के लोगों को च्पर्यावरण बचाओज् का संदेश देकर उनका हौसला भी बढ़ाया। स्कूल की ओर से की गई इस नई शुरुआत में फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने भी भरपूर सहयोग दिया। सभी स्कूली बच्चों ने ली सूरत के पर्यावरण की रक्षा की शपथ। स्कूल द्वारा उठाया गया यह कदम सूरत को और भी खूबसूरत बना देगा।