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अहमदाबाद । भारतीय रेल आधुनिकीकरण की दिशा में और भारत सरकार के न्यू इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। देशभर में रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय प्रतिष्ठानों के रूप में विकसित करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस क्रम में बीच तीन स्टेशनों पर कार्य पूर्ण हो गया है। इनमें गुजरात का गांधीनगर केपिटल स्टेशन, मध्य प्रदेश का रानी कमलापति स्टेशन और कर्नाटक के बेंगलुरु का सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल स्टेशन शामिल है। ये स्टेशन आधुनिक भारत की भव्य तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। इन स्टेशनों पर यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गई हैं। यात्रियों की सुचारू आवाजाही के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर के अलावा आधुनिक सुविधाओं से युक्त कॉनकोर्स, वेटिंग रूम और रिटेल क्षेत्र विकसित किए गए हैं। साथ ही यात्रियों के आगमन एवं प्रस्थान तथा वाहन पार्किंग की समुचित व्यवस्था की गई है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत देशभर के 1309 रेलवे स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकसित किया जा रहा है। इनमें से 120 स्टेशन पश्चिम रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। भारतीय विविधता की भव्यता को प्रदर्शित करते हुए ये पुनर्विकसित स्टेशन नई अत्याधुनिक यात्री सुख-सुविधाओं के साथ-साथ मौजूदा सुविधाओं के अपग्रेडेशन और प्रतिस्थापन से सुसज्जित होंगे। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत अवांछित ढांचों को हटाकर रेलवे स्टेशनों तक सुगम पहुंच, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, बेहतर परिसंचरण क्षेत्र, उन्नत पार्किंग स्थान, दिव्यांगजन अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर, हरित ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण अनुकूल भवन आदि सुविधाएं प्रदान करना शामिल हैं। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 अगस्त, 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत भारतीय रेल के 500 से अधिक रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे। इनमें से पश्चिम रेलवे अहमदाबाद मंडल के असारवा, पालनपुर, कलोल, न्यू भुज, भचाऊ, पाटन, हिंमतनगर, विरमगाम और ध्रांगध्रा स्टेशनों का शिलान्यास करेंगे।
स्टेशन के मानक तत्व:
स्टेशनों को सिटी सेंटर के रूप में विकसित करना
शहर के दोनों तरफ के एरिया को इंटिग्रेट करना
स्टेशन भवनों का पुनर्विकास
अच्छी तरह से डिज़ाइन की गई आधुनिक यात्री सुख-सुविधाओं का प्रावधान
अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया ट्रैफ़िक सर्कुलेशन और इंटर-मोडल एकीकरण
यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए समान और अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए साइनेज
मास्टर प्लान में उपयुक्त संपत्ति विकास का प्रावधान
लैंडस्केपिंग, स्थानीय कला और संस्कृति
अमृत भारत स्टेशन योजना के लाभ
स्टेशनों के समग्र विकास दृष्टिकोण की कल्पना
रेलवे स्टेशनों को आसपास के शहरों के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से एकीकृत करने का प्रयास
समग्र यात्री अनुभव को बढ़ाना
मल्टी-मोडल एकीकरण की सुविधा प्रदान करना
इसका उद्देश्य यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी और यात्रा को आसान बनाना है
दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अनुकूल सुविधाएं, सभी के लिए समावेशिता और पहुंच सुनिश्चित करना
स्टेशन भवन में पर्यावरण अनुकूल विशेषताएं होंगी
पश्चिम रेलवे अहमदाबाद मंडल के कुल 16 स्टेशनों को इस अमृत भारत स्टेशन योजना मे सम्मिलित किया गया है, जिसमें असारवा, मणिनगर, चांदलोडिया, वटवा, सामाख्याली, सिद्धपुर, उंझा, महेसाणा, भीलड़ी, हिम्मतनगर, भचाउ, विरमगाम, ध्रांगध्रा, कलोल, पालनपुर एवं पाटन स्टेशन सम्मिलित हैं।
स्टेशन अनुसार अनुमानित लागत –
- असारवा 25 करोड़ 32 लाख
- मणिनगर 10 करोड़ 26 लाख
- चांदलोडिया (A+B) 48 करोड़ 18 लाख
- वटवा 29 करोड़ 63 लाख
- सामाख्याली 13 करोड़ 64 ला,
- सिद्धपुर 41 करोड़ 13 लाख
- उंझा 30 करोड़ 1 लाख
- महेसाणा 48 करोड़ 34 लाख
- भीलड़ी 10 करोड़ 96 लाख
- हिम्मतनगर 43 करोड़ 9 लाख,
- भचाउ 41 करोड़ 27 लाख
- विरमगाम 39 करोड़ 12 लाख
- ध्रांगध्रा 16 करोड़ 07 लाख
- कलोल 37 करोड़ 72 लाख
- पालनपुर 47 करोड़ 91 लाख
- पाटन 32 करोड़ 30 लाख
उल्लेखनीय है कि महत्वाकांक्षी अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत अपग्रेडेशन और परिवर्तन के लिए पश्चिम रेलवे के 120 स्टेशनों की पहचान की गई है, जिनमें से 87 स्टेशन गुजरात, 16 स्टेशन महाराष्ट्र, 15 स्टेशन मध्य प्रदेश और 2 स्टेशन राजस्थान राज्य में हैं।