दिल्ली के बुजुर्गों को पेंशन मिलने में हुई देरी, विधानसभा कमेटी का आदेश दीवाली से पहले हर हाल में मिले पेंशन

नई दिल्ली । समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों और केंद्र सरकार की वजह से दिल्ली के बुजुर्गों को पेंशन मिलने में देरी हुई है। इसको लेकर दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को शुक्रवार को तलब किया। दिल्ली के बुजुर्गों को जुलाई से पेंशन नहीं मिलने पर समिति ने सख़्त नाराजगी जताते हुए इसे आपराधिक कृत्य बताया। साथ ही आदेश दिया कि दीवाली से पहले हर हाल में पेंशन मिले। कमेटी की जांच में सामने आया कि पिछले डेढ़ वर्ष से दिल्ली के बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन में केंद्र सरकार अपनी हिस्सेदारी नहीं दे रही है। ऐसे में केंद्र सरकार के हिस्से की राशि भी दिल्ली सरकार को देना पड़ रहा है। साथ ही कमेटी के सामने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नियमों में बदलाव की वजह से पेंशन मिलने में देरी हुई। पहले सारे पेंशन मुख्यालय से जारी होते थें। एक नियम यह बना कि पेंशन जिलावार जारी होगा, जिसको जारी करने की जिम्मेदारी जिला समाज कल्याण अधिकारी की होगी‌। यह व्यवस्था तकनीकी कारणों से लागू नहीं हो पाई। इसपर समिति ने कड़ी नाराज़गी ज़ाहिर की। समिति ने अधिकारियों को कहा कि पूर्व की तरह डायरेक्टर के हस्ताक्षर से बुजुर्गों को पेंशन जारी रखते, नई व्यवस्था ठीक से चालू होने पर पुरानी व्यवस्था बंद करते। अधिकारियों ने नई व्यवस्था लागू हुए बगैर ही पुरानी व्यवस्था बंद कर दी। जिससे लोगों को पेंशन नहीं मिल पाई‌ । इसे समिति ने आपराधिक कृत माना है। साथ ही जिम्मेदार को सजा देने की बात कही है।
आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति के सामने दिल्ली में बुजुर्गों को कई महीनों से पेंशन नहीं मिलने की याचिका लगा रखी है। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर इस पर जवाब मांगा। इस मसले को लेकर दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति ने शुक्रवार को सुनवाई की। इसमें सामने आया कि दिल्ली में 4.10 लाख बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन मिलती है। दिल्ली में बुजुर्गों की पेंशन जुलाई से बकाया है। दिव्यांग पेंशन भी कुछ लोगों को नहीं मिला है। ऐसे में याचिका समिति ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को बुलाया और पूछा कि किन कारणों से पेंशन रुकी है? साथ ही कुछ लोगों का क्षेत्र बदलने से पेंशन रुका था, उसकी जानकारी विधानसभावार मांगी गई है। विभाग के अफ़सरों ने समिति को बताया कि पेंशन निर्गत करने के नियम-कायदे में बदलाव के चलते यह विलंब हो रहा है। इस पर समिति की ओर से विभाग से फाइल भी मंगाई गई, ताकि पता चल सके कि नये नियम से पेंशन निर्गत करने में क्या अड़चन आ रही है। बहरहाल, याचिका समिति ने इस लेट-लतीफी पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि विभाग का यह रवैये घोर संवेदनहीनता का परिचायक है। पूछा कि पहले जब पेंशन डायरेक्टर के हस्ताक्षर से जाती थी तो अब क्यों नहीं?
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले विभाग के डायरेक्टर के हस्ताक्षर से पेंशन जाती थी। डिस्ट्रिक्ट सोशल वेलफेयर ऑफिसर को जुलाई में नोटिफिकेशन के जरिए पेंशन जारी करने का अधिकार दिया गया। लेकिन तकनीकी दिक्कत आने से ऐसा हो नहीं पाया और पेंशन में देरी हुई। कुछ पेंशन पता बदलने, मैंपिंग गलत होने की वजह से बंद हुई हैं। ऐसी पेंशन चालू करने को कहा गया है। पेंशन में देरी की जानकारी समाज कल्याण विभाग के मंत्री को हुई। इसके बाद निर्णय हुआ कि पुरानी केंद्रीकृत व्यवस्था से पेंशन दी जाए।
याचिका समिति की जांच में सामने आया कि दिल्ली के बुजुर्गों की जुलाई से पेंशन रुकी है। इसके बावजूद पुराने सिस्टम को लागू करने के लिए 29 सितंबर को फाइल चली और 7 अक्टूबर को मंजूरी मिली। डायरेक्टर ने फंड आने के बावजूद पेंशन में देरी की। ऐसे में समिति ने डायरेक्टर की कार्य प्रणाली पर नाराज़गी ज़ाहिर की।
याचिका समिति के अध्यक्ष अखिलेशपति त्रिपाठी ने कहा कि पुरानी व्यवस्था से पेंशन देने की फाइल चलाने में ही देरी हुई। यह आपराधिक कृत्य है। समिति इसका संज्ञान लेते हुए कठोर कार्रवाई भी करेगी। दोषियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। बुजुर्गों के प्रति ऐसी संवेदनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग के सचिव को यह देखना चाहिए कि कहीं यह विलंब जान-बूझकर तो नहीं किया गया। समिति ने विभाग से 15 दिन में विधानसभावार पेंशन की डिटेल भी मांगी है। समाज कल्याण विभाग की सचिव ने भी समिति को कहा कि मैं भी निर्देश दूंगी कि हर माह पेंशन मिले। सुनवाई के अंत में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को समिति ने आदेश दिया कि हर हाल में दीवाली से पहले बुजुर्गों को उनकी पेंशन मिल जाए। जिसपर अधिकारियों ने कहा कि दो दिन में पेंशन मिल जाएगी। समिति ने समाज कल्याण विभाग की डायरेक्टर को दीवाली से पहले पेंशन भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

  • केंद्र सरकार के हिस्से का पैसा दिल्ली सरकार ने दिया
    केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली के 1.19 लाख बुजुर्गों के कुल 2500 रुपए पेंशन में से 60 से 70 वर्ष के बुजुर्गों को 150 और 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को पेंशन में 500 रुपये की सहयोग राशि दी जाती है। केंद्र की ओर से डेढ़ साल से सहयोग राशि नहीं दी जा रही है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि क़रीब डेढ़ साल से पेंशन में केंद्र का अंशदान नहीं आ रहा है। केंद्र के हिस्से का पैसा दिल्ली सरकार की तरफ से दिया जा रहा।

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