‌फोन से फूंका मंतर… सांप का जहर छू मंतर

• इंदौर मध्यप्रदेश
मोबाइल का नंबर डायल हुआ. इधर से मुना गुरु ने फोन उसे पीड़ित ने कराहते हुए अपना दुःखड़ा सुनाया. इधर से उन्होंने कान में मंतर फूंका और उधर जहरीले जानवर का जहर मंतर हुआ

खासकर बारिश के मौसम में सांप, बिच्छू दीवा अन्य जानवर के काटने से मौत होने की खबरें पढ़ने-सुनने में आती है, लेकिन पीड़ित को समय रहते शक्ति के माध्यम से मरने से बचाया जा सकता है। बंद इसके उदाहरण है। जी हां संत जगनानंद महाराज उर्फ गुरु अभी एक हजारों लोगों को मौत के आस में जाने से बचा चुके हैं। 61

टाइफाइड भी मंतर से ठीक
उनका नाम- कैलाश ठिकाना अहीरखेड़ी
तकलीफ जहरीली नागिन ने हंसा
वर्षीय गुरु शिव परिवार के अनन्य भक्त हैं। मकान में उनका बसेरा है। शहर गांव का फिर किसी सुदूर इलाके में जब किसी को जहरीला जानवर खाए तो न कोई का और डॉक्टर के पास जाने को जरूरत गुरु के 9822042971 पर फोन करने की जरूरत है। फोन पर ही कोर सुना और जहर छू मंतर हो जाएगा।
केस नंबर 2 नाम दुर्गाबाई माहेश्वरी
ठिकाना खुजनेर, जिला राजगढ़
तकलीफ दीवड़ ने फूंका
निःशुल्क करते हैं काम
पैसे के लिए काम करता पड़ा। 2004 में के बीच का रोड पर दुर्गेश्वरी के म से कामकाज है, जिससे उनका आराम से हो जाता है। अप होने पर मंदिरो चने को कहते है। मह कोमोज का या फिर न मदर है, यहाँ मझा है।
जहूर भाई से मिला था मंतर
करीब 20 वर्षों मानव सेवा कार्य में लगे मुन्ना गुरु माताजी के मील उपासक है कि उन्हें इसका मंत मोतीबेला में रहने वाले भाई मिला या जिसे उन्होंने निरंतर प्रयास के बाद सिद्ध किया और पहली बार इसका इस्तेमाल एक बालक पर किया यह सफल फिर वह उनका भी किया और हार के पंच न अथा के महानंद महाराज को अपना गुरु बनाकर अचाई की ही तो यहां उन्हें जगनानंद महाराज का नया नाम मिला। अब हरिद्वार में संतों से की उपाधि भी दी।

मुत्रा गुरु आर उतारने के अलावा पल जैसे लोगों को भी फोन पर ही नंतर पड़कर कर देते है। ये बाते

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