भारत के पावर ग्रिड पर साइबर हमले को चीन ने खारिज किया, आरोप को बेहद गैर-जिम्मेदाराना

नई दिल्ली । भारत के पावर ग्रिड पर साइबर हमले की रिपोर्ट को चीन ने खारिज कर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से सवाल किया गया कि क्या चीन ने भारत को सीमा विवाद के मुद्दे पर चेतावनी देने के लिए साइबर हमले का सहारा लिया था? वेनबिन ने इन आरोपों को खारिज कर कहा, साइबर सुरक्षा के संरक्षक होने के नाते, चीन सभी तरह के साइबर हमलों का विरोध करता है और उनके खिलाफ कार्रवाई करता है। साइबर हमले के मुद्दे पर कयासबाजी और मनगढ़ंत कहानियों की कोई भूमिका नहीं हो सकती है। क्योंकि साइबर हमले की उत्पत्ति का लगाना बेहद मुश्किल है। चीनी प्रवक्ता ने कहा, इस तरह से किसी एक पर आरोप लगाना बेहद गैर-जिम्मेदाराना है जबकि इसके कोई पर्याप्त सबूत नहीं है। दरअसल,अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में मुंबई में पिछले साल हुए पावर फेल को गलवान में भारत-चीन के बीच चल रहे संघर्ष से जोड़ा गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि मुंबई में पावर कट में चीनी साइबर हमले की भूमिका थी। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के इलेक्ट्रिक सप्लाई के कंट्रोल सिस्टम में मैलवेयर को डाल दिया गया, जिससे मुंबई की पावर सप्लाई ठप पड़ गई थी।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि मैलवेयर ट्रेसिंग साइबर सिक्योरिटी कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर ने किया है। कंपनी का दावा है कि सभी मैलेवेयर सक्रिय नहीं थे। इसका मतलब है कि मैलेवेयर का एक छोटा प्रोपोर्शन मुंबई में पावर आउटेज का कारण बना। इसके लिए कंपनी ने रेडइको को जिम्मेदार बताया है।रेडइको चीनी स्टेट स्पॉन्सर्ड ग्रुप है।

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