|| या देवी सर्वभूतेषु विष्णु मायेती, शक्ति रुपेण संस्थिता ||
|| नमस्तस्यै…. नमस्तस्यै… नमस्तस्यै…नमो नमः||
संकल्प
महर्षि वेद व्यास द्वारा वर्णित
शक्तिपीठ स्थान देवीओनी नामावली अहम कार्य सिद्धि अर्थे पढ़ते हैं ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
श्री गणेशाय नमः
१ वाराणसी विशालाक्षी देवी ॐ ह्रीं श्री विशालाक्षी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
२ नैमषाराण्य देवीलिंगधारी देवी
ॐ ह्रीं श्री देवीलिंगधारी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
३ देवी प्रयाग ललीता देवी
ॐ ह्रीं श्री ललीता दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
४ गंधमादनपर्वत कामुकी देवी
ॐ ह्रीं श्री कामुकी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५ मानसमां कुमुदा देवी
ॐ ह्रीं श्री कुमुदा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
६ दक्षिणमां विश्वकामा देवी
ॐ ह्रीं श्री विश्वकामा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
७ उतरमां विश्वकाम प्रपूरणी देवी
ॐ ह्रीं श्री विश्वकाम प्रपूरणी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
८ गोमंत गोमती देवी
ॐ ह्रीं श्री गोमती दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
९ मंदराचड कामचारिणी देवी
ॐ ह्रीं श्री कामचारणी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१० चैत्ररथमां मदोत्कटा देवी
ॐ ह्रीं श्री मदोत्कटा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
११ हस्तीनापुर जयंती देवी
ॐ ह्रीं श्री जयंती दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१२ कान्यकुब्जमां गौरी देवी
ॐ ह्रीं श्री गौरी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१३ मलयचलपर्वत रंभा देवी
ॐ ह्रीं श्री रंभा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१४ ऐकाग्रपीठमां कीर्तिमती देवी
ॐ ह्रीं श्री कीर्तिमती दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१५ विश्वपीठमां विश्वेश्वरी देवी
ॐ ह्रीं श्री विश्वेश्वरी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१६ पुष्करमां पुरुहुता देवी
ॐ ह्रीं श्री पुरुहुता दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१७ केदारमां सन्मार्गदायिनी देवी
ॐ ह्रीं श्री सन्मार्गदायिनी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१८ हिमालयमां नंदा देवी
ॐ ह्रीं श्री नंदा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१९ गोकर्णपीठमां भद्र कर्णिका देवी
ॐ ह्रीं श्री भद्र कर्णिका दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
२० स्थानेश्वरमां भवानी देवी
ॐ ह्रीं श्री भवानी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
२१ बिल्वकपीठमां बिल्वपत्रिका देवी
ॐ ह्रीं श्री बिल्वपत्रिका दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
२२श्री शैलमां माधवी देवी
ॐ ह्रीं श्री माधवी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
२३ भद्रेश्वरमां भद्रा देवी
ॐ ह्रीं श्री भद्रा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
२४ वराहपीठमां जया देवी
ॐ ह्रीं श्री जया दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
२५ कमलाचलपीठमां कमला देवी
ॐ ह्रीं श्री कमला दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
२६ रुद्रकोटीमां रुद्राणी देवी
ॐ ह्रीं श्री रुद्राणी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
२७ कालंजरमां काली देवी
ॐ ह्रीं श्री काली दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
२८ शालग्राममां महा देवी
ॐ ह्रीं श्री महा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
२९ शिवलिंगमां जलप्रिया देवी
ॐ ह्रीं श्री जलप्रिया दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
३० महालिंगमां कपिला देवी
ॐ ह्रीं श्री कपिला दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
३१ माकोटमां मुकुटेश्वरी देवी
ॐ ह्रीं श्री मुकुटेश्वरी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
३२ मायापुरीमां कुमारी देवी
ॐ ह्रीं श्री कुमारी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
३३ संतानपीठमां ललितांबिका देवी
ॐ ह्रीं श्री ललितांबिका दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
३४ गयामां मंगला देवी
ॐ ह्रीं श्री मंगला दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
३५ पुरुषोतमपीठमां विमला देवी
ॐ ह्रीं श्री विमला दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
३६ सहस्त्राक्षमां उत्पलाक्षी देवी
ॐ ह्रीं श्री उत्पलाक्षी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
३७ हिरण्याक्षमां महोत्पला देवी
ॐ ह्रीं श्री महोत्पला दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
३८ विपाशामां अमोधाक्षी देवी
ॐ ह्रीं श्री अमोधाक्षी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
३९ पुंड्रवर्धनमां पाटला देवी
ॐ ह्रीं श्री पाटला दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
४० सुपाश्वमां नारायणी देवी
ॐ ह्रीं श्री नारायणी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
४१ विकुटमां रुद्रसुंदरी देवी
ॐ ह्रीं श्री रुद्रसुंदरी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
४२ विपुलवेत्रमां विपुला देवी
ॐ ह्रीं श्री विपुला दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
४३ मलयाचल उपर कल्याणी देवी
ॐ ह्रीं श्री कल्याणी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
४४ सहयाद्री उपर एकवीरा देवी
ॐ ह्रीं श्री एकवीरा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
४५ हरिचंद्र पीठमां चंद्रिका देवी
ॐ ह्रीं श्री चंद्रिका दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५६ रामतीर्थमां रमणी देवी
ॐ ह्रीं श्री रमणी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५७ यमुना पीठमां मृगावती देवी
ॐ ह्रीं श्री मृगावती दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
४८ कोटी तीर्थमां कोटवी देवी
ॐ ह्रीं श्री कोटवी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
४९ माधव वनमां ( मधुवन मां )सुगंधा देवी
ॐ ह्रीं श्री सुगंधा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५० गोदावरीमां त्रिसंध्या देवी
ॐ ह्रीं श्री त्रिसंध्या दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५१ गंगाद्वारमां रतिप्रिया देवी
ॐ ह्रीं श्री रतिप्रिया दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५२ शिवकुंडमां शुभानंदा देवी
ॐ ह्रीं श्री शुभानंदा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५३ द्वारकामां रुकमणी देवी
ॐ ह्रीं श्री रुकमणी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५४ देवीका तटे नंदनी देवी
ॐ ह्रीं श्री नंदनी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५५ वृंदावनमां राधा देवी
ॐ ह्रीं श्री राधा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५६ मथुरामां देवकी देवी
ॐ ह्रीं श्री देवकी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५७ पातालमां परमेश्वरी देवी
ॐ ह्रीं श्री परमेश्वरी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५८ चित्रकुटमां सीता देवी
ॐ ह्रीं श्री सीता दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
५९ विंध्याचलमां विंध्यवासिनी देवी
ॐ ह्रीं श्री विंध्यवासिनी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
६० करवीर क्षेत्रमां महालक्ष्मी देवी
ॐ ह्रीं श्री महालक्ष्मी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
६१ विनायक क्षेत्रमां उमा देवी
ॐ ह्रीं श्री उमा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
६२ वैधनाथ धाममां आरोग्य देवी
ॐ ह्रीं श्री आरोग्य दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
६३ महाकाल पीठमां माहेश्वरी देवी
ॐ ह्रीं श्री माहेश्वरी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
६४ उष्णतीर्थमां अभया देवी
ॐ ह्रीं श्री अभया दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
६५ विंध्यपर्वत उपर नितंबा देवी
ॐ ह्रीं श्री नितंबा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
६६ मांडव्यपीठमां मांडवी देवी
ॐ ह्रीं श्री मांडवी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
६७ माहेश्वरीपुरीमां स्वाहा देवी
ॐ ह्रीं श्री स्वाहा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
६८ छगलंडमां प्रचंडा देवी
ॐ ह्रीं श्री प्रचंडा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
६९ अमरकंटमां चंडिका देवी
ॐ ह्रीं श्री चंडिका दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
७० सोमेश्वरपीठमां वारारोहा देवी
ॐ ह्रीं श्री वारारोहा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
७१ प्रभासमां पुष्करावती देवी
ॐ ह्रीं श्री पुष्करावती दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
७२ सरश्वती तीर्थमां देवमाता देवी
ॐ ह्रीं श्री देवमाता दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
७३ तटपीठमां पारावारा देवी
ॐ ह्रीं श्री पारावारा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
७४ महालयमां महाभागा देवी
ॐ ह्रीं श्री महाभागा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
७५ पायोष्णीमां पिगलेश्वरी देवी
ॐ ह्रीं श्री पिगलेश्वरी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
७६ कृतशौच तीर्थमां सिंहिका देवी
ॐ ह्रीं श्री सिंहिका दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
७७ कार्तिक क्षेत्रमां अतिशांकरी देवी
ॐ ह्रीं श्री अतिशांकरी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
७८ उत्पलावर्तकमां उत्पला देवी
ॐ ह्रीं श्री उत्पला दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
७९ शोणाना संगमपर सुभद्रा देवी
ॐ ह्रीं श्री सुभद्रा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
८० सिध्धवनमां लक्ष्मी देवी
ॐ ह्रीं श्री लक्ष्मी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
८१भर्ताश्रम तीर्थमां अनंगा देवी
ॐ ह्रीं श्री अनंगा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
८२ जालंधर पर्वतपर विश्वमुखी देवी
ॐ ह्रीं श्री विश्वमुखी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
८३ किष्किन्धा पर्वत पर तारा देवी
ॐ ह्रीं श्री तारा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
८४ देवदारु वनमां पुष्टि देवी
ॐ ह्रीं श्री पुष्टि दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
८५ काश्मीरमां मेघा देवी
ॐ ह्रीं श्री मेघा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
८६ हिमाद्रि पर भीमा देवी
ॐ ह्रीं श्री भीमा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
८७ विश्वेश्वर क्षेत्रमां तुष्टि देवी
ॐ ह्रीं श्री तुष्टि दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
८८ कपालमोचन तीर्थमां शुद्धि देवी
ॐ ह्रीं श्री शुद्धि दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
८९ कायावरोहण तीर्थमां माता देवी
ॐ ह्रीं श्री माता दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
९० शंखोद्वार तीर्थमां घरा देवी
ॐ ह्रीं श्री घरा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
९१ पींडा तीर्थमां धृति देवी
ॐ ह्रीं श्री धृति दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
९२ चंद्राभागानदीना तटपर कलादेवी
ॐ ह्रीं श्री कला दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
९३ अच्छोद क्षेत्रमां शिवचारिणी देवी
ॐ ह्रीं श्री शिवचारिणी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
९४ वेणानदीना तटे अमृता देवी
ॐ ह्रीं श्री अमृता दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
९५ बदरीवनमां उर्वशी देवी
ॐ ह्रीं श्री उर्वशी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
९६ उतरकुरुप्रदेशमां औषधि देवी
९७ कुशद्विपमां कुशोदका देवी
ॐ ह्रीं श्री कुशोदका दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
९८ हेमकुट पर्वत पर मन्मथा देवी
ॐ ह्रीं श्री मन्मथा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
९९ कुमुदवनमां सत्यवाहिनी देवी
ॐ ह्रीं श्री सत्यवाहिनी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१०० अस्वात्थ तीर्थमां वंदनीया देवी
ॐ ह्रीं श्री वंदनीया दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१०१ वैश्ववणालय क्षेत्रमां निधि देवी
ॐ ह्रीं श्री निधि दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
९०२ वेदवंदन तीर्थमां गायत्री देवी
ॐ ह्रीं श्री गायत्री दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१०३ शिवजीनी निकटमां पार्वती देवी
ॐ ह्रीं श्री पार्वती दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१०४ देवलोकमां इन्द्राणी देवी
ॐ ह्रीं श्री इन्द्राणी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१०५ ब्रह्मलोकमां सरस्वती देवी
ॐ ह्रीं श्री सरस्वती दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१०६ सूर्यना बिंबमां प्रभा देवी
ॐ ह्रीं श्री प्रभा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१०७ मातृकाओमां वैष्णवी देवी
ॐ ह्रीं श्री वैष्णवी दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१०८ सतीओमां आरुधंती देवी
ॐ ह्रीं श्री अरुधंती दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१०९ सतीओमां रमा देवी
ॐ ह्रीं श्री रमा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
११० अप्सराओंमां तिलोत्तमा देवी
ॐ ह्रीं श्री तिलोत्तमा दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
१११ चित्रमध्यमां ब्रह्मकला देवी
ॐ ह्रीं श्री ब्रह्मकला दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
११२ सर्व प्राणीवर्गमां शक्ति देवी
ॐ ह्रीं श्री शक्ति दैव्यै नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
इति श्री महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित शक्ति पीठ नामावली मां दुर्गा माता के श्री चरणों में अर्पणास्तु ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
समस्त प्राणीओमां और चितमां बिराजने वाली देवी ब्रह्मकला कहलाती है यह माहिती श्रीमद् देवीभागवत में से कहीं गई है
हररोज स्मरण करने मात्र से अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है मुक्ति मिलती है
हररोज स्मरण करने मात्र से हरेक प्रकार के जन्मों जन्म के पाप कर्म व श्रापित दोष में से मनुष्य जीव को मुक्ति मिलती है
नित्य बोलने वाले मंत्र
ॐ ह्रीं श्री गणेशाय नमः
ॐ गं गणपतये नमः
ॐ ह्रीं श्री सुमुखाय नम:
ॐ ह्रीं श्री एकदंताय नमः
ॐ ह्रीं श्री कपिलाय नमः
ॐ ह्रीं श्री गजकर्णाय नमः
ॐ ह्रीं श्री लंबोदराय नमः
ॐ ह्रीं श्री विकटाय नमः
ॐ ह्रीं श्री विध्ननाशकाय नमः
ॐ ह्रीं श्री विनायक नमः
ॐ ह्रीं श्री घूमकेतवे नमः
ॐ ह्रीं श्री गणाध्यक्षाय नम:
ॐ ह्रीं श्री भालचंद्राय नमः
ॐ ह्रीं श्री गजानाय नमः
ॐ ह्रीं श्री कुलदेवी मातायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री कुलदेवताभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री कुडदेवी मातायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री कुडदेवताभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री इष्टदेवताभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री परम गुरुदेवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री परात्पर गुरुदेवदेतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री ग्रामदेवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री ग्रामरक्षक देवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री पंचदेवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री पृथ्वीदेवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री जलदेवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री अग्नि देवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री वायुदेवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री आकाश देवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री पाताल देवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री वास्तुदेवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री नवग्रह देवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री काल भैरव देवतायेभ्यो नमः
ॐ ह्रीं श्री बटुक भैरव देवतायेभ्यो नमः
अनिष्ट नाशक मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं क्रीं ह्रीं नमः
रक्षा कवच मंत्र
ॐ ह्रीं क्लीं क्ष्मीं क्ष्मीं क्ष्मीं फट् स्वाहा
शापोद्धार मंत्र
ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं क्रां क्रीं चंडिकेदेवी शापानुग्रहम कुरु कुरु स्वाहा
सुख शांति मंत्र
ॐ क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा
ॐ ह्रीं काली महाकाली क़िले क़िले हूं फट् स्वाहा
संकटनाशन गणेश मंत्र
ॐ ह्रीं ग्रीं ह्रीं नमः
दुर्गा माताजी का मंत्र
ॐ ह्रीं श्री दुर्गा माताये नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं दुर्गाये नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
कार्य सिद्धि नर्वाण मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ह्रीं नमः स्वाहा
पितृपक्ष के कल्याण के लिए मंत्र
ॐ ह्रीं नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
अन्नपूर्णा देवी माताजी का मंत्र
ॐ श्री नमो भगवती महेश्वरी अन्नपूर्णे स्वाहा
श्री महालक्ष्मी देवी मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा
श्री सिद्धि मंत्र
ॐ ह्रीं नमः
ॐ ह्रीं नमः स्वाहा
मनुष्य जीव सार्थक और भवसागर पार करनेवाला श्री हरि विष्णु भगवान की कृपा प्राप्ति का मंत्र नवके गुतणाक में बोलना सर्व श्रेष्ठ रहता है
ॐ श्री राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे सहस्त्रनाम ततूल्यम रामनाम वरान्नै ॐ ह्रीं नमः स्वाहा