हेल्दी ही नहीं हैपी रखना चाहते हैं – संकल्प संपूर्ण स्वास्थ्य

इन्डियन एकेडेमी ऑफ़ पिडियाट्रिकस के प्रेसिडेंट डॉ. उपेन्द्र किंजवाडेकर द्वारा प्रेसिडेंट एक्शन प्लान – संकल्प संपूर्ण स्वास्थ्य बनाया गया जिसमे कक्षा ४ से ७ के बच्चो के लिए जूनियर मोड्यूल और कक्षा ८ से ऊपर के बच्चो के लिए सीनियर मोड्यूल बनाया गया हैं. इस मोड्यूल का भुलकाविहार स्कुल के बच्चो के साथ विमोचन किया गया और बच्चो के साथ इंटर एक्शन किया गया| जूनियर मोड्यूल १ घंटे का हे और सीनियर मोड्यूल २ घंटे का हेदोनों मोड्यूल इंटरएक्टिव मोड्यूल हैं| डॉ. उपेन्द्र किंजवाडेकरने कहा के
यह मोड्यूल कवर करेगा: बेलेंस डायेट – Choose Right , Eat Right; जंक फ़ूड & फ़ूड लेबल पढना शिखे; फिजिकल एक्टिविटी का महत्त्व; स्क्रीन टाइम; स्लीप हायजिन
से नो टू ड्रग्स; मानसिक स्वास्थ्य का महत्त्व

बेलेंस डायेट के बारे में डॉ. उपेन्द्र ने कहा की हमारे आहार में हमें पांच मिल लेने चाहिए. ब्रेकफास्ट , लंच और डिनर २५ % के हिसाब से ले और सुबह और दोपहरमें स्नेक लेना चाहिए
सुबह का ब्रेकफास्ट कभी भी मिस ना करे थालि मे ५० % फ्रूट और वेजीटेबल ले, अलग अलग कलर के फ्रूट खाने से हमें अलग आलग विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं|
फ्रूट ज्यूस पिने से अचछा फ्रूट ही खाए|

डॉ. प्रशांत कारियाने कहा की जंक फ़ूड में सुगर, सोल्ट और फेट ज्यादा होती हे लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं| आज कल हम बच्चोमे डायबिटीस, बी.पी. के बीमारी और ह्रदय रोग और केंसर जेसी बीमारी ज्यादा देखते हे शायद उसके पीछे जंक फ़ूड जिम्मेदार हैं| बच्चो को सारे पेकट फूड्स के लेबल पढने चाहिए और याद रखे दिन में ऊपर से सुगर – मैक्सिमम २५ ग्राम; सोल्ट ५ ग्राम (सोडियम – २ ग्राम) -ही ले| अगर आप सामान्य रूप से मिल रहे फ़ूड पेकेट देखेंगे तो उसमे सुगर और साल्ट और फेट ज्यादा होता हे जिससे फ़ूड टेस्टी तो बनता हे पर हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता हे|

फिजिकल एक्टिविटी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा की मिनिमम ६० मिनिट की Exercise हररोज करनी चाहिए, पसीना हो, धड़कन तेज हो एसी Exercise से फायदा होता हे
आप चलना, दोड़ना, स्वीमिंग करना , स्पोर्ट्स खेलना, सायकलिंग करना जेसा कुछ भी कर शकते हैं| हर ४५ मिनिट बाद थोडा बोडी को स्ट्रेच अवश्य करे|

स्क्रीन टाइम – स्कुल के बच्चो को ज्यादा से ज्यादा २ घंटे कोई भी स्क्रीन रिक्रियेशन के लिए इस्तेमाल कर शकते हैं| बच्चे घर में स्क्रीन फ्री झोन बना शकते हे , स्क्रीन फ्री टाइम रख शकते हैं| सुबह उठकर और रात को सोने से एक घंटे पहेले मोबाइल या स्क्रीन का उपयोग न करे. स्क्रीन से निकलते तरंग शरीर में मेलेटोनिन का स्त्राव कम करते हे और जिससे नीदं अच्छे से नहीं आती हैं|

स्लिप हायजिन – मिनिमम ७ घंटे की रात की नींद; दोपहर में अगर सोते हे तो ३०-४५ मिनिट; रोज सोने का और उठने का सेम समय; सोने के १ घंटे पहेले कोई भी स्क्रीन का उपयोग न करे; मोबाईल फोन बेडरम से बाहर या आप सो रहे हे उस एरिया से ४ फिट की दुरी पर रखे; रात को चोकलेट, केफीन या सुगर वाले ड्रिंक और हेवी खाना अवॉयड करे| अगर आप खुश रहेना चाहते हे तो अपने मन को भी हेल्थी रखे – अपने विचार, फीलिंग्स पर ध्यान दे क्योंकि यही आपके एक्शन बन जाते हैं|

से नो टू ड्रग्स के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा की १.५ करोड़ से ज्यादा युवा जिन की उम्र ( १०-२५ साल ) हे वह किसीन किसी व्यसन के शिकार होते हे जिसमें सिगरेट स्मोकिंग, इ सिगरेट, तम्बाकू, आल्कोहोल और एनी ड्रग्स होते हैं| अगर आपका मित्र आपको ड्रग्स या सिगरेट लेने को कहे तो उनको “ना” बोलना चाहिए और उसकी अलग अलग रित हैं|

प्यार से ना कहे; ना कहने का कारण बताये; बार बार मना करते रहे; वोक अवे – वहा से चले जाए; सुना ही नहीं एसा जताए; सामने चेलेंज करे

सूरत पिडियाट्रिक एसोसियेशन चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रेसिडेंट डॉ. मनीष शर्मा ने कहा की हम सूरत की प्रायवेट और गवर्नमेंट स्कुल में ३० डॉक्टर की टीम इस साल जाकर संकल्प संपूर्ण स्वास्थ्य प्रोग्राम करेंगे|

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