पिछले कई दिनों से जिस दिन का इंतजार था वह था अक्षय तृतीया यानी अखात्रिज शुक्रवार 10 मई को 250वीं वर्षीतप का भव्य पारना प्रवचन आचार्य सागरचंद्रसागर सूरीश्वरजी महाराज साहब की पावन निश्रा में हुआ। आगमोद्धारक धनेरा आराधना भवन से सभी साधू व साध्वी सरसाना के डॉम पर पहुंचे। पारने में 11 हजार से अधिक लोग उमड़ पड़े और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व्यवस्था में जुट गये। जैन धर्म में लगातार 400 दिनों तक लगातार उपवास की इस तपस्या के पूरा होने की खुशी ह्रदय में नही समां रही हैं। इस अवसर पर गुजरात के गृह मंत्री श्री हर्ष सांघवी पहुंचे। लाभार्थी परिवार हस्तिनापुर नगरी एवं भोजन मण्डप के उद्घाटन हेतु पधारने के उपरान्त मा. गुरुदेवश्री ने सभी को मांगलिक मंगल प्रेरणा आशीर्वाद और समुहाई पच्चकुखाण का आशीर्वाद दिया। लताबेन प्रमोदभाई शाह ने गुरुजी को कामली भेंट करने का प्रस्ताव उदारतापूर्वक स्वीकार किया।
गुरुजी ने सभी तपस्वियों को आशीर्वाद दिया और श्रेयांसकुमार बने लीलाबेन मोहनलाल सकारिया परिवार ने पारना करवाया।
शारदाबेन जगजीवनदास शाह चाणस्मावाला परिवार ने सभी को चांदी का घड़ा और सोने की गिन्नियाँ देने का लाभ उठाया।सभी तपस्वियों का कंकू, तिलक, माला, श्रीफल, मोमेंटो गुलाब जल-चरण प्रक्षालन से अभिनंदन किया गया। आने वाले सभी अतिथियों का सुन्दर ढंग से सत्कार किया गया। पारने के लिए मुंबई, अहमदाबाद, मप्र, राजस्थान आदि राज्यों के अलावा विदेश, अमेरिका आदि देशों से भी रिश्तेदार आए। वेसू के इतिहास इतनी भव्य ऐतिहासिक पारना का आयोजन इतिहास में पहली बार हुआ।