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नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में राकेश अस्थाना की नियुक्ति को आवश्यक बताया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए अपने हलफनामे में बताया कि राकेश अस्थाना के कार्यकाल में विस्तार देने का निर्णय ‘ व्यापक जनहित’ को देखते हुए लिया गया था।
अस्थाना की नियुक्ति के विरोध में शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई है। कोर्ट बुधवार को मामले की सुनवाई करेगा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति को जायज ठहराया है। केंद्र ने कहा राष्ट्रीय राजधानी की सार्वजनिक व्यवस्था की बेहद चुनौतीपूर्ण स्थितियों और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्थाना जैसे अधिकारी को दिल्ली पुलिस का प्रमुख नियुक्त करने की आवश्यकता थी।
केंद्र सरकार ने बताया अस्थाना को दिल्ली में कानून-व्यवस्था की हालिया स्थिति पर प्रभावी पुलिसिंग प्रदान करने के लिए चुना गया था। इसके साथ ही उन्हें सार्वजनिक हित में अंतर-कैडर प्रतिनियुक्ति के साथ-साथ सेवा का विस्तार दिया गया। केंद्र सरकार ने कहा यह महसूस किया गया कि विभिन्न राजनीतिक और कानून व्यवस्था की समस्या वाले एक बड़े राज्य के लिए सीबीआई व अर्धसैन्य बल और पुलिस बल में काम करने वाले अधिकारी की जरूरत थी।
इस तरह का अनुभव अधिकारियों के वर्तमान पूल में नहीं था। इसलिए सार्वजनिक हित में अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाने का निर्णय लिया गया। गृह मंत्रालय ने हलफनामे में कहा अस्थाना को चुनने के पर्याप्त तर्क के अलावा प्रकाश सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2016 के आदेश का भी पालन किया गया है। उनकी नियुक्ति में कोई प्रक्रियात्मक या कानूनी खामी नहीं है।