केजरीवाल सरकार ने सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों के 15,971 बच्चों को दी 12.35 करोड़ रू की स्कॉलरशिप

नई दिल्ली । केजरीवाल सरकार ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे निर्माण श्रमिकों के 15,791 बच्चों को 12.35 करोड़ रूपये की स्कॉलरशिप प्रदान की| सिसोदिया ने कहा कि यह राशि निर्माण श्रमिकों के बच्चों के सपनों को उड़ान देगी और अपने भविष्य को बेहतर बनाने में उनकी मदद करेगी| उन्होंने कहा कि बच्चे पढ़ाई में बेहतर करते रहे दिल्ली सरकार कभी भी पैसों की तंगी को उनके सपनों को पूरा करने में बाधा नहीं बनने देगी| सिसोदिया ने कहा कि इस योजना के तहत सरकार पहली से आठवीं तक के बच्चों को सालाना 6,000 रूपये, 9वीं व 10वीं के बच्चों को सालाना 8400 रू व 11वीं एवं 12वीं के बच्चों को सालाना 12,000 रू की स्कॉलरशिप देती है| इस वित्तीय सहायता का उद्देश्य निर्माण श्रमिकों के बच्चों को मजबूती के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखने का मौका देने के लिए है| उन्होंने कहा कि सभी बच्चे अपने सपनों को पूरा करने के लिए पढ़े और दिल्ली सरकार भी उनके सपनों को पूरा करते हुए उन्हें दुनिया की सबसे बढ़िया पढ़ाई उपलब्ध करवाएगी| इस योजना के तहत मंगलवार को 15791 बच्चों को 12.35 करोड़ रूपये की स्कॉलरशिप प्रदान की| ज्ञात हो की दिल्ली सरकार, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों के बच्चों प्रतिमाह कक्षावार 500 रूपये से 1000 रू प्रतिमाह स्कॉलरशिप के रूप में देती है| वो बच्चे जिनके पेरेंट्स किसी भी निर्माण साईट पर राजमिस्त्री, बेलदार, कंक्रीट मिक्सर, बार-बाइंडर, प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, गार्ड इत्यादि का काम करते है वे इस स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर सकते है|
इस स्कॉलरशिप के तहत छठी से आठवीं तक के 8062 बच्चों को 4.8 करोड़ रूपये, नौवी व दसवीं में पढ़ रहे बच्चों 4,888 बच्चों को 4.1 करोड़ रूपये व 11वीं एवं 12वीं के 2841 बच्चों को 3.4 करोड़ रूपये की राशि वितरित की गई| श्री सिसोदिया ने छात्रों से अगले सेशन के स्कॉलरशिप लिए समय पर आवेदन करने व दूसरों को जागरूक करते हुए इसका लाभ उठाने के प्रेरित करने का आग्रह किया| नए सत्र में इस स्कॉलरशिप के लिए 15 दिनों के भीतर आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी| उल्लेखनीय है कि केजरीवाल सरकार उच्च शिक्षा के लिए भी निर्माण श्रमिकों के बच्चों को स्कॉलरशिप देती है| उन्हें स्नातक स्तर पर 36,000 रुपये प्रति वर्ष, आईटीआई पाठ्यक्रमों के लिए 48,000 रुपये प्रति वर्ष और एलएलबी 5 वर्षीय पाठ्यक्रम, एलएलबी (3 वर्षीय पाठ्यक्रम) के लिए 36,000 रुपये प्रति वर्ष, पॉलिटेक्निक के लिए 60,000 रुपये प्रति वर्ष की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इंजीनियरिंग, मेडिकल और एमबीए जैसे तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए 1.2 लाख रुपये प्रति वर्ष की वितीय सहायता दी जाती है।

  • बच्चों ने बताया स्कॉलरशिप से और बेहतर पढ़ाई करने में मिलेगी मदद
    एसकेवी नेहरु विहार में पढ़ने वाली हायाल्वी ने बताया कि “मेरा भाई स्कूल से वापस आते समय घायल हो गया और अब चलने में सक्षम नहीं है। माता-पिता की कमाई का सारा पैसा उसके इलाज में चला जाता है। हम कुछ भी नहीं बचा पा रहे हैं। मैं इस स्कॉलरशिप को इन्वेस्ट करूंगी ताकि इससे मुझे भविष्य में हायर एजुकेशन में मदद मिले| सर्वोदय बाल विद्यालय बुराड़ी में 12वीं में पढ़ने वाले आदित्य कुमार का कहते है कि “मेरा परिवार मेरी उच्च शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर सकता। मैं इस पैसे को अभी के लिए बचाऊंगा और इसे आगे MBA करने में उपयोग करूंगा। सर्वोदय विद्यालय मोरी गेट में 10वीं में पढ़ने वाले कुनाल बताते है कि “मैं सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहता हूं। मैं इस स्कॉलरशिप के पैसों का इस्तेमाल सेना की तैयारी से जुडी किताबों को खरीदने के लिए करूंगा| एसकेवी शक्ति नगर में 12वीं क्लास में पढ़ने वाली भावना कहती है कि “मेरे पिता के पास लॉकडाउन के दौरान नौकरी नहीं थी। हम भारी आर्थिक तंगी से गुजरे। मैं भविष्य में इंग्लिश टीचर बनना चाहती हूं और अब मैं इस स्कॉलरशिप के पैसों का इस्तेमाल इससे जुडी तैयारी के लिए इस्तेमाल करुँगी|

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