सूरत में आकर्षण का केंद्र बनी मकई से बनाई गणपति मूर्ति


सूरत,

हर बार कुछ अलग करने की चाह रखने वाली डॉक्टर अदिति मित्तल ने इस वर्ष 250 देशी मकई से ईकोफ़्रेंड्ली गणेशजी की मूर्ति बनाई और उधना-मगदल्ला रोड स्थित वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविधालय के अम्फी थेएटर में रखा है । डॉक्टर अदिति मित्तल ने बताया की हर बार की तरह इस बार भी उनको ऐसा गणपति बनाना था जो बाद में काम आ सके और सही मायने में ईकोफ़्रेंड्ली लगे । इसके लिए उसने देशी मकई को चुना । लगभग 50 किलो मकई से 5 फ़ीट ऊँचा गणपति बनाया एवं उसी के रेशों से गणेशजी का वाहन मूषक बनाया गया ।
अदिति ने बताया की विसर्जन के बाद मकई प्रसाद के रूप में ज़रूरतमंद लोगों को वितरित किया जाएगा । आज के युवा वर्ग को धर्म एवं ईकोफ़्रेंड्ली के महत्व को बताने के लिए इस बार उसके गणपति को विश्वविध्यालय में रखा । गणेशजी की मूर्ति का विसर्जन 9 सितम्बर को पूरे विधि-विधान के साथ किया जाएगा । मंगलवार को पूरे शाही अन्दाज़ में मूर्ति का आगमन विधार्थियों द्वारा किया गया एवं बुधवार को सुबह पूजा करके स्थापना की गयी ।
डॉक्टर अदिति मित्तल पिछले छः वर्षों से लगातार तरबूज़, ड्राईफ़्रूट्स, नारियल आदि से ईकोफ़्रेंड्ली गणेशजी की मूर्ति बना रही है एवं विसर्जन के बाद प्रसाद के रूप में अलग-अलग स्थानों पर वितरित किया गया । उनके बनाए गणपति को इंडिया बुक ओफ़ रिकोर्ड्स, गुजरात बुक ओफ़ रिकोर्ड्स में स्थान दर्ज कर चुके है ।

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