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पाल ओमकार सुरी आराधना भवन में पं.पू.आ.भ. श्री अशोकसागर सूरी म.सा., प.मू.आ.भ. श्री सागरचंद्रसागर सूरी म.सा., पं.पू.आ.भ. श्री नयचंद्रसागर सूरी म.सा., पं.पू.आ.भ. श्री सौम्यचंद्रसागर सूरी म. सा., पं.पू.आ.भ. श्री विवेकचंद्र सागर सूरी म.सा., पं.पू.आ.भ. श्री आगमचंद्र ्सागर जी, पं.पू. पद्मचंद्रसागर आदि 50 से अधिक साधु भगवंत साथ ही 200 जैसे अलग-अलग समुदाय के साथ भी भगवान जैसे कि सागर समुदाय, नेमीसूरी समुदाय, नीतीसूरी समुदाय, प्रेमभुवनभानु समुदाय, रामसुरी डहेलावाला समुदाय, भक्तिसूरी समुदाय, कलापूर्ण सूरी समुदाय, धर्मसूरी समुदाय, ओंकारसूरी समुदाय, विक्रमसूरी समुदाय, राजेंद्रसुरी कलीकुंडवाला समुदाय जैसे 12 से अधिक समुदाय के साध्वी भगवंत उपस्थित थे।
जिसमें उन्हें जर्मनी में फंसी जैन लड़की अरिहा को जर्मनी से भारत वापस लाने के लिए नमस्कार महामंत्र का जाप कराया गया। पू. साधु साध्वी जी भगवंत के जाप द्वारा शीघ्र ही वापस आए और माता-पिता की मनोकामनाएं पूरी हो और शीघ्र ही पुत्री अपने माता पिता से वापस मिले। साथ ही तीन दिवसीय पाठ के उत्सव में पू. साधु साध्वी जी भगवंत का सभी कैस्टयू मैं अभिनंदन किया और दीप प्रज्वलित किया। इस अवसर पर सभी पूज्य गुरु द्वारा आवाहन किया गया कि जर्मनी में फंसी जैन पुत्री अरिहा को भारत वापस लाया जाए और जल्द ही इसे सुलझा लिया जाएगा अगर हल नहीं किया गया तो राजनीतिक दबाव लाया जाएगा और शांति पूर्वक प्रतिनिधित्व किया जाएगा। यह बात ट्रस्टी और जैन नेता श्री सुरेश भाई शाह ने कही।
तीन दिवसीय पाठ के श्रंखला में जैन संघ को एकजुट करने और नियम का जश्न मनाने के उद्देश्य के साथ ही साधु साध्वी जी भगवान के श्रमण श्रमणी जीवन में नैतिक तरीके से जीने के लिए हित शिक्षा दी गई।