दिल्ली । ०४ जनवरी २०२४ : दिल्ली आकाशवाणी का रंग भवन ऑडिटोरियम एक ऐतिहासिक घटना का गवाह रहा। मौका था “राम मंदिर, राष्ट्र मंदिर – एक साझी विरासतः कुछ अनसुनी बातें” पुस्तक के विमोचन का जिसे गीता सिंह और आरिफ खान भारती ने मिलकर लिखा है। प्रस्तावना आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने लिखी है। पुस्तक के विमोचन के अवसर पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, आरएसएस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार, विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (न्यास), अयोध्या के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, लद्दाक की पावन भूमि से बौद्ध धर्म से पोचे समेत अनेकों बुद्धिजीवी मौजूद रहे। इस मौके पर देश भर से आए मुस्लिम समुदाय ने शिरकत की। पुस्तक का अंग्रेजी संस्करण डॉ शैलेश लाचू हीरानंदानी द्वारा किया जायेगा, इसके आलावा पुस्तक को अलग अलग भाषाओं मैं भी प्रकाशित किया जायेगा।
इस अवसर पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि जो बेजुबान की भी जुबान जानता है वही खुदा है, वही परमेश्वर है, वही गॉड है, वही राम है। उन्होंने कहा कि यहां देश भर से आई जनता ने साबित कर दिया है कि हम एक थे, एक हैं और एक ही रहेंगे। इंद्रेश कुमार ने कहा कि जहां विवाद है वो सभी आगे आने वाले दिनों में संवाद से हल किए जा सकते हैं। इसके लिए सभी धर्मों को आगे आकर विचार करना होगा।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किताब के विमोचन के बाद कहा कि इंसान एक महत्वकाशी प्राणी है जो अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए अनैतिक हो जाता है। क्योंकि अगर ख्वाहिशों को आदर्श करने वाला कोई न हो अर्थात मर्यादित करने वाला कोई न हो तो महत्वकांक्षाएं बेलगाम हो जाती हैं। और इसीलिए मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जरूरत हर तरफ है। पंचम धाम ट्रस्ट जिसे, डॉ हीरानंदानी द्वारा 20 वर्षों के अथक शोध के फलस्वरूप प्रारम्भ किया गया, सनातन धर्म के मार्ग को जिवंत रखने में सक्षम हो पाया है, की इस पुस्तक को जीवंत करने मैं मुख्य भूमिका रही।
किताबवाले प्रकाशन समूह द्वारा प्रकाशित, यह पुस्तक मुस्लिम समुदाय और व्यापक सामाजिक ताने-बाने के बीच की खाई को पाटने के लिए आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों द्वारा किए गए 30 वर्षों के समर्पित प्रयासों का एक व्यापक अन्वेषण है। यह पुस्तक कई तरह की ज्ञानवर्धक जानकारियां देगी, गलतफहमियों को दूर करेगी और सहयोग और इसके आलावा साझा मूल्यों की अनकही कहानियों को उजागर करेगी। लेखिका प्रो. गीता सिंह ने बताया कि पुस्तक में बहुत सी अनसुनी कहानियां हैं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक लोगों का ज्ञानवर्धन करने के साथ उनकी समझ बढ़ाने में सार्थक सिद्ध होगी। दूसरे लेखक आरिफ खान भारती ने पुस्तक के बारे में अपने विचार रखे। जिसमें देश की मूलभावना वसुधैव कुटुंबकम पर जोर दिया जिसके पुरोधा थे मर्यादा पुरषोत्तम राम।