खारघर में आयोजित श्रीराम महायज्ञ एवं श्री रामकथा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़

नवी मुंबई : खारघर, सेक्टर-15, नवी मुंबई में आयोजित श्रीराम महायज्ञ एवं संगीतमय श्री रामकथा ज्ञानयज्ञ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। रामलला जन्मभूमि अयोध्या को समर्पित इस महायज्ञ एवं रामकथा का आयोजन श्री राम जानकी जनकल्याण सेवा संस्था द्वारा 10 से 18 फरवरी तक किया गया है। यज्ञाचार्य पं. श्री कृष्णा आचार्यजी, पं. श्री दिव्यांशु आचार्यजी तथा पं. श्री श्याम पाण्डेयजी के पावन सानिध्य में इस महायज्ञ एवं रामकथा का आयोजन किया गया है। स्थानीय एवं आसपास के क्षेत्र के भक्तजन रोज बड़ी संख्या में कथा का रसपान करने आ रहे है।इससे पहले 9 फरवरी, शुक्रवार शाम को श्री राम जानकी मंदिर से भव्य कलश शोभा यात्रा का आयोजन किया गया था। यहां आयोजन स्थल पर प्रतिदिन सुबह 7 से 9 बजे तक वेदी पूजन, 9:30 से दोपहर 1 बजे तक हवन आहूति तथा शाम 4 से 8 बजे तक रामकथा, आरती तथा उसके बाद प्रसादी का आयोजन किया जाता है। कथावाचक ने कहा कि, जहां भगवान श्रीराम की कृपा होती है, उसी जगह पर रामकथा संभव हो पाती है। उन्होंने कहा कि, रामकथा से पूरा वातावरण शुद्ध होता है। संसार के सभी जीवों का मंगल रामकथा के श्रवणपान से ही हो जाएगा। उन्होंने रामकथा के अनेक प्रसंग सुनाए, जिसे सुनकर सभी भक्तजन भक्ति से ओतप्रोत हो गए। उन्होंने कहा कि, रामचरित्र मानस में राम व सीता का व्यवहार हमारे और समाज के लिए आदर्श है। प्रवचन के दौरान बीच-बीच में भजन व किर्तन से लोग भक्ति के सागर में गोता लगाते रहे।

श्री राम जानकी जनकल्याण सेवा संस्था के अध्यक्ष श्याम पाण्डेय ने बताया कि रामलला अयोध्या को समर्पित इस रामकथा का धर्म वृद्धि एवं सर्वजन कल्याण हेतु पूरे भक्तिभाव से किया जा रहा है। उन्होंने तथा संस्था के सचिव कृष्णा पाण्डेय एवं दिव्यांशु मिश्रा, प्रेम सोनी सहित अग्रणियोंने इस यज्ञ कार्य में सहभागी बनने के लिए रायगढ़ जिला के विधायक प्रशांत किशोर को निमंत्रण दिया। विधायक श्री प्रशांत ठाकुर ने इस निंमंत्रण को स्वीकार किया तथा प्रभु श्री रामजी का आर्शिवाद एवं प्रशाद लेने के लिए वे गुरुवार शाम को रामकथा स्थल पर पधारेंगे।
कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजक पं. श्री ब्रिजेश पाण्डेयजी, व्यवस्थापक श्री प्रदिप म. सचढ़े, श्री रामस्वार्थ वर्माजी, श्री प्रेम सोनीजी आदि ने विशेष सहयोग दिया। उन्होंने सभी भक्तों से कथा का श्रवण लाभ लेने को कहा है।

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