सूरत | श्री महाविदेह धाम-वेसु के प्रांगण में पूज्यपाद आचार्य देव श्री जिनसुंदरसूरीश्वरजी महाराज, पू. पंन्यास प्रवर श्री गौतमरत्न वि.म. साहब के सम्मान में एक धार्मिक सभा का सुन्दर आयोजन किया गया।पू. आचार्यश्री ने कहा कि यदि किसी को धरती पर स्वर्ग देखना हो तो इस महाविदेहधाम में आना चाहिए। 451 दीक्षादानेश्वरी पूज्यपाद आचार्य देव श्री गुणरत्नसूरीश्वरजी महाराज को स्वप्न आया कि वृद्ध एवं ग्लान (बीमार) ऐसे पू. साधु-साध्वीजी भगवंत को जीवन के अंतिम चरण में शांति और समाधि मिल सके, इसकी सुंदर व्यवस्था की जानी चाहिए और उसी दिव्य स्वप्न के फलस्वरूप इस महाविदेह धाम का निर्माण हुआ। जब यह कार्य प्रारंभ किया गया था तब यह नहीं पता था कि ‘यह महाविदेह धाम अल्प समय में ही विश्व प्रसिद्ध हो जाएगा।’ वास्तव में श्रोता यदि जीवन के अंतिम चरण में शाता और समाधि की प्राप्ति करेंगे इस महाविदेह धाम में विश्राम करने आए साधु-साध्वियों का आशीर्वाद आपके जीवन की अनमोल पूंजी बन जाएगा इस महाविदेहधाम से महाविदेह क्षेत्र के लिए वीज़ा प्राप्त करने के लिए दो काम करने होंगे।
- अहोभाव: जिनशासन का अनमोल धन। जितना हो सके साधु-साध्वीजी के प्रति अपनी अरुचि बढ़ायें और
- भावना: ‘अगर मेरी चले तो दुनिया भर के सभी संत का मैं अकेले ही तन, मन और धन से साधु-साध्वीजी की सेवा करूँ।’
आज महाविदेहधाम के दर्शन कर सचमुच धन्य हो गया। मेरी आंखें पवित्र हो गईं. मंगल कामना करें कि इस पवित्र भूमि को बार-बार स्पर्श करने का लाभ मिले।