सूरत | धर्म नगरी सूरत के विकसित वेसु क्षेत्र में अग्रणी धनेरा आराधना भवन की पहल पर पिछले वर्ष सामूहिक वर्षीतप का आयोजन किया गया था। वर्ष भर सभी तपस्वियों के सामूहिक बैठकर भोजन की सुन्दर व्यवस्था की गई है। 13 महीने की लंबी तपस्या कुल 424 दिनों की थी क्योंकि इस बार यह एक अतिरिक्त महीना था। इसके बावजूद वर्षीतप के प्रेरक, संघ के संस्थापक पू. आचार्य सागरचंद्रसागर सूरीश्वरजी म. के आशीर्वाद से सभी तपस्वियों का हृदय आनंद से भर गया।
बुधवार सुबह 7 बजे 250 संन्यासियों की शानदार रथयात्रा, हिम्मतनगर से दिनकर बैंड, कच्ची घोड़ी, नासिक ढोल, कई बगियां, तीन गजराज, घोड़े और 6000 से ज्यादा लोग शामिल हुए। रथयात्रा के बाद विजयालक्ष्मी हॉल में धार्मिक भक्ति हुई और तपस्वियों की शाही गद्दी रखी गई। रथयात्रा के बाद धूमधाम से आदिनाथ प्रभु की पूजा-अर्चना की गई। दोपहर में सभी तपस्वी 108 आदिश्वर पूजन में शामिल हुए। शाम को भवन के पूरे प्रांगण को गन्ने के डंठलों से सजाया गया। कुमारपाल राजा की महापूजा एवं आरती धूमधाम से की गई।
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गुरुवार को सभी के लिए भव्य समारोह, नाटक, तपस्या होगी। शुक्रवार को अक्षयतृतीया के पावन अवसर पर 250 तपस्वियों को सरसाना डोम में पारना श्रेयांसकुमार लीलाबेन मोहनलाल सकारिया परिवार कलामंदिर ज्वैलर्स द्वारा कराया जाएगा, सभी तपस्वियों को सोने की गिनी से पुरस्कृत किया जाएगा। योजना समिति ने कहा कि पारना उत्सव में कम से कम 10,000 लोग जुटेंगे।