‘प्रदूषण के खिलाफ सत्याग्रह’ के तहत विरल देसाई ने लगाए 4,000 पेड़

सूरत| पर्यावरणविद और व्यवसायी विरल देसाई, जिन्हें ग्रीनमैन के नाम से जाना जाता है, उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस पर विभिन्न स्थानों पर लगभग 4,000 पेड़ लगाकर और वितरित करके अपने ‘प्रदूषण के खिलाफ सत्याग्रह’ अभियान का नेतृत्व किया। इस अभियान के तहत उन्होंने वकताना और भीमराड गांवों में पेड़ लगाए, जो दोनों गांधीजी की दांडी यात्रा से जुड़े रहे हैं.

इस संबंध में विरल देसाई ने कहा, “जिस तरह गांधीजी और सरदार पटेल ने सत्याग्रह के जरिए अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलवाई थी, अब समय आ गया है कि हम सत्याग्रह के जरिए प्रदूषण की गुलामी से आजादी पाएं।” इसलिए हमारे फाउंडेशन ने ‘प्रदूषण के खिलाफ सत्याग्रह’ का फैसला किया है, जिसके तहत हम आने वाले दिनों में ढाई लाख से अधिक पेड़ लगाएंगे, अर्बन फॉरेस्ट बनाएंगे और छात्रों के साथ पर्यावरण संवाद करेंगे। अपने मिशन के हिस्से के रूप में हमने ऐतिहासिक दांडी यात्रा देखने वाले दो गांवों, वकताना और भीमराड का चयन किया। इससे पहले हमने उस गांव में भी पौधे लगाए थे जहां गांधी जी ठहरे थे।’

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के कार्यक्रम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के सम्मान में विरल देसाई ‘प्रदूषण के खिलाफ सत्याग्रह’ कर रहे हैं, जिसमें वे अगले साल अगस्त तक यह सत्याग्रह करेंगे. उन्होंने इस सत्याग्रह की शुरुआत पिछले अप्रैल में वांज गांव से की थी। उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस पर वापी, भीमराड, वकताना, सूरत और मरोली जैसे क्षेत्रों में 4,000 पेड़ लगाए और वितरित किए।

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