केजरीवाल सरकार के खिलाफ भाजपा ने शुरू किया सत्याग्रह आंदोलन

नई दिल्ली । नगर निगम का बकाया 13,000 करोड़ रुपए की मांग को लेकर आंदोलन को उग्र करते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी कार्यालय के बाहर सत्याग्रह आंदोलन किया गया। सत्याग्रह में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर जय प्रकाश, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम महापौर अनामिका मिथिलेश सिंह, पूर्वी दिल्ली नगर निगम महापौर निर्मल जैन, प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा, दिनेश प्रताप सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष विष्णु मित्तल, प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर, अशोक गोयल देवराहा, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, उत्तरी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी, नेता सदन योगेश वर्मा, पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति अध्यक्ष सत्यपाल सिंह, नेता सदन प्रवेश शर्मा, दक्षिणी दिल्ली स्थाई समिति अध्यक्ष राजदत्त गहलोट, नेता सदन नरेंद्र चावला सहित प्रदेश व निगम पदाधिरकारियों, सभी पार्षदों ने हिस्सा लिया।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि जिस तरह महात्मा गांधी ने अन्याय के विरुद्ध लड़ाई के लिए सत्याग्रह चलाया था उसी तरह हम आज दिल्ली के कोरोना योद्धा निगम सफाईकर्मियों, डॉक्टर, नर्स, स्वास्थकर्मी, शिक्षकों के हक की लड़ाई के लिए सत्याग्रह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी रामलीला मैदान से सत्याग्रह कर दिल्लीवासियों के बीच सत्य की लड़ाई लड़ने का संदेश दिया था लेकिन वास्तव में केजरीवाल तानाशाह हिटलरवादी हैं, जो न जनता की आवाज सुनना चाहते हैं, न जनता की समस्याओं को जानना चाहतें हैं, न मानना चाहते हैं, इसका सबसे बड़ा उदाहरण है वेतन से वंचित निगम कर्मी और पेंशनधारी। मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल ने सबसे पहले निगम के फंड में कटौती करने का काम किया। निगम सफाईकर्मी कूड़ा उठाने का कार्य करते हैं, लाखों गरीब परिवार के बच्चे निगम के स्कूल में पढ़ते हैं, निगम के अस्पतालों में गरीब वर्ग के लोग इलाज कराने जाते हैं, निगम कर्मियों ने लोगों को डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखने का काम किया है, लेकिन मुख्यमंत्री निगमकर्मियों का ही हक मार रहे हैं।
सत्ता में आकर अहंकारवश केजरीवाल ने अपने गुरू को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया और अब दिल्ली को बर्बाद करने पर तुले हैं। आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल की बेईमान नीयत और हक छीनने की आदत है, इसलिए वह निगम के फंड पर कुंडली मारकर बैठे हैं। निगम कर्मियों के हक के लिए हमारे मेयर, पार्षद इस ठंड में मुख्यमंत्री आवास के बाहर बैठे रहे, लेकिन 5 मिनट का भी समय केजरीवाल ने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली वासियों के टैक्स का पैसा मुख्यमंत्री प्रचार के साथ अब अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव प्रचार और अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर केजरीवाल ने कृषि कानून के प्रतियों को फाड़कर संवैधानिक व्यवस्थाओं को तार-तार कर दिया, दिल्ली पुलिस पर आधारहीन आरोप लगाकर उपहास किया और अराजक होने का परिचय दिया। मुख्यमंत्री केजरीवाल गलतफहमी में जी रहे हैं, लेकिन यह न भूलें की जनता सब देख रही है। उन्होंने कहा कि हमारा यह संघर्ष जारी रहेगा, हम हर घर तक जाएंगे और केजरीवाल की सच्चाई जनता के सामने लाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि इसी वित्तीय वर्ष में ही हम संघर्षरत रहकर तीनों नगर निगम का बकाया फंड केजरीवाल सरकार से दिलवा कर रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से बचाने कि लिए कार्य करने वाले नगर निगम पर हमें गर्व है। विधानसभा सत्र के दौरान केजरीवाल सरकार ने निगम पर घोटाले का आरोप लगाया लेकिन जलबोर्ड घोटले पर, निगम का बकाया फंड जारी करने को लेकर मुख्यमंत्री मौन रहे। मुख्यमंत्री केजरीवाल तीनों महापौरों को जान से मारने की धमकी देने वाले दुर्गेश पाठक पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि आजतक किसी भी दिल्ली सरकार ने निगमों का फंड नहीं रोका लेकिन आम आदमी पार्टी ने सरकार में आते ही अपने असली रंग दिखाने शुरू कर दिया और निगम का फंड रोक दिया। जिस तरह 2013 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अध्यादेश की प्रतियां फाड़ने का बाद कांग्रेस का पतन हुआ उसी तरह मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़कर आम आदमी पार्टी का पतन सुनिश्चित कर लिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के समय दो बार गृहमंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप कर दिल्लीवासियों को सुरक्षित रखने का कार्य किया, लॉकडाउन के दौरान जिन मजदूरों को केजरीवाल सरकार ने पलायन करने को मजबूर कर दिया था उनके लिए ट्रेन शुरू करवायी, दिल्ली के 72 लाख गरीबों को नवम्बर तक मुफ्त राशन उपलब्ध करवाया, महिलाओं के जनधन खाते में पैसे ट्रांसफर किए, लेकिन केजरीवाल सरकार ने सिर्फ और सिर्फ दिल्ली के लोगों को धोखा देने का काम किया। उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर जय प्रकाश ने कहा कि निगम फंड को रोककर केजरीवाल सरकार नगर निगम को पंगु बनाने पर तुली है लेकिन हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे। दिल्लीवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित करनेवाले मुख्यमंत्री केजरीवाल को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम महापौर अनामिका मिथिलेश सिंह ने कहा कि हमारे संघर्ष को रोकने का मुख्यमंत्री केजरीवाल कितना भी प्रयास करें हम नहीं रुकने वाले हैं क्योंकि हमारी लड़ाई जनहित की है। हम केजरीवाल सरकार को दिल्लीवासियों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं करने देंगे। पूर्वी दिल्ली नगर निगम महापौर निर्मल जैन ने कहा कि निगम कर्मियों के वेतन के लिए 13 दिन तक निगम नेता जिनमें महिलाएं भी थीं, उनसे मिलना भी जरूरी नहीं समझा केजरीवाल ने, इतना ही नहीं धरने पर बैठी महिलाओं की निजता का भी हनन कर उनका अपमान किया। दिल्लीवासियों ने केजरीवाल के दोहरे चरित्र को पहचान लिया है और समय आने पर इसका जबाव जरूर देगी।

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