यह वेसू स्थित संयमतीर्थ श्री महाविदेह धाम में आ. कुलचंद्रसूरिजी महाराज के पावन निश्रा में परमात्मा पार्श्वनाथ और दीक्षादानेश्वरी पू. आ. श्री गुणरत्नसूरिजी महाराज की पावन प्रतिष्ठा के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। जिसमें आज देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। इस शुभ अवसर पर सूरत के राजमार्गों पर एक भव्य शोभायात्रा निकला। यह शोभायात्रा कैलाशनगर से शुरू हुआ। सूरत में पहली बार दिल दहला देने वाली विशेषताओं वाली इतनी भव्य शोभायात्रा निकली। ऐतिहासिक जुलूस में 15 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। शोभायात्रा की सफलता में आत्म-अनुशासन जोड़ा गया।
इस जुलूस में 25 सजे हुए देवता, गुरुदेवश्री का भव्य रथ, हाथी, 36 घोड़े, 18 शाही ऊंट, 4 घोड़े की बग्गी, 36 एक्टिवा, 36 बाइक, 36 बुलेट बाइक, 36 लुक्का, 18 गच्चा नायकों के शानदार वाहन, 8 विंटेज कारें, लिमोसिन कारें, रोल्स रॉय कारें, वैप्स बैंड, हुनथुनाथ बैंड, तीन संगीत वाहन, 10 से अधिक महाविदेह धाम स्पे. साइकिल, विशाल राजमार्गों को सूरत की विभिन्न महिला मंडलियों, श्रमण-श्रमणी भगवंतों और श्रावक-श्राविकाओं द्वारा भी देखा गया। इस शोभायात्रा में दो जैन बैंड के अलावा कोई भी बैंड नहीं रखा गया था। विभिन्न आदिवासी समाजों का एक और आकर्षण था। इस शोभायात्रा को देखकर सूरत के लोगों के मुँह से “न भूतो न भविष्यति” के नारे निकले।
सभी वाहन जिनशासन के जयपताकों से सुशोभित थे।तीन किमी. काफी देर तक इस शोभायात्रा को देखने के लिए पूरा महाविदेहधाम सुस्त हो गया। वेसू स्थित महाविदेहधाम सम्पूर्ण भारत में फैला हुआ था। पूज्यश्री के प्रभाव से लगभग 70 महिला मण्डलों द्वारा लगभग 6000 बहनों की सांजी का आयोजन किया गया। दोपहर में गुरुभक्तों द्वारा जाजम पथरवाणी, परमात्मा, गुरुदेव, धजदंड, कलश आदि का जाप बड़े हर्ष और उल्लास के साथ किया गया।
शाम को प्रसिद्ध संगीतकारों द्वारा प्रभु एवं सद्गुरु के शरणागति स्वरूप संगीत का मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
जिसमें सात हजार से अधिक भावुकियां प्रभुमय हो गईं। महापूजा में भगवान के विभिन्न पुष्पों से हजारों श्रद्धालु लाभान्वित हुए। 22 फरवरी के दिन सुबह शुभमुहूर्त में प्रतिष्ठा का शुभ कार्यक्रम होगा।