चंडीगढ़ । तीनों कृषि कानून को लेकर आंदोलनरत किसान एक बार फिर से दिल्ली घेरने की तैयारी कर रहे हैं। किसान आंदोलन को एक बार फिर से मजबूती प्रदान करने के लिए रविवार को चंडीगढ़ और पंजाब के किसान जत्थेबंदियों के नेताओं से मिलने पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा नेता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों का आंदोलन शाहीन बाग जैसा धरना नहीं है कि सरकार जब चाहे उखाड़ फेंके, यह धरना तब तक चलेगा जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर एमएसपी का भरोसा नहीं दे देती। यह कहना है का। टिकैत ने कहा कि सरकार कोरोना का डर दिखा कर किसान आंदोलन को खत्म करने का प्रयास कर रही है, लेकिन किसानों को इसका जवाब देना आता है। उन्होंने कहा कि 26 मई को देश में किसान मजदूर काला दिवस मनाएंगे और प्रधानमंत्री के पुतले जलाए जाएंगे।
मोहाली के गुरुद्वारा श्री सिंह शहीदां सोहाना में मथा टेकने के बाद टिकैत ने कहा कि सरकार को एक बार फिर से बातचीत करने के लिए चिठ्ठी लिखी गई है। तीनों कानूनों को जल्द से जल्द वापस लेने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि 26 मई को ब्लैक डे मनाया जाएगा और किसान-मजदूर अपना केंद्र सरकार प्रति विरोध प्रकट करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा व पंजाब के कुछ मंत्री कोरोना संक्रमण का डर बता कर बदनाम कर रहे हैं। सरकार के पास वैक्सीनेशन के लिए तो कोई प्रबंध नहीं है, लेकिन आरोप उन पर लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से आंदोलन को पहले की तरह तेज किया जाएगा।
यूपी व उत्तराखंड जाने की तैयारी
टिकैत ने कहा कि कोरोना संक्रमण का जो दूसरा दौर चल रहा है वह कम होने के बाद यूपी और उत्तराखंड के लोगों को चुनावों में सही पार्टी को चुनने को लेकर किसान अभियान चलाऐंगे। जिस तरह से पश्चिम बंगाल में भाजपा को औकात दिखाई गई है। उसी तरह अब हर राज्यों में जहां चुनाव होने वाले हैं किसान प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा कि यूपी में किसानों के गन्ने का 18 हजार करोड़ रुपए बकाया है, उसे लेकर भी लोगों को बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब भाजपा वहां प्रचार करेगी तो उस समय किसान भी वहां पहुंच जाएंगे।