यह परियोजना से वन संरक्षण उपायों को बढ़ाने के लिए टेक्नोलोजी का महत्तम उपयोग करके रीअल टाईम मोनिटरींग के साथ-साथ फास्ट अलर्ट शेयरिंग का लाभ उठाया जा सकता है
हजीरा-सूरत, मार्च 15, 2024 : दुनिया के दो प्रमुख स्टील उत्पादकों, आर्सेलरमित्तल और निप्पॉन स्टील के संयुक्त उद्यम, आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS India) ने गुजरात सरकार की “वन पहरी” परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह परियोजना मुकेशभाई पटेल, माननीय राज्य मंत्री वन और पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन और जल आपूर्ति, गुजरात सरकार द्वारा वन संसाधनों की रक्षा के लिए शुरू की गई पहल हैं।
बुधवार को अग्रणी आईटी समाधान प्रदाता एसएम टेक्नो कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जो गुजरात में वन संरक्षण प्रयासों को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वन प्रहरी एक दूरदर्शी पहल है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण परियोजना के रूप में मान्यता दी गई है। यह वन संसाधनों की सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता और सक्रिय दृष्टिकोण दर्शाती है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विज़न के अनुरूप है और वन संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण जानकारी तक त्वरित प्रदान करती है।
टेक्नोलोजी का लाभ उठाते हुए “वन प्रहरी” परियोजना वन सुरक्षा उपायों को बढ़ाती है और रीअल टाईम मोनिटरींग और मेनेजमेन्ट की सुविधा प्रदान करता है। परियोजना के केंद्र में गरुड़ मॉड्यूल है जो वाहन प्रवेश निगरानी, स्कैनिंग और तत्काल अलर्ट शेयरिंग जैसी सुविधाओं के साथ एक बहुत ही महत्वपूर्ण तकनीक है । यह नवीन प्रणाली आधुनिक चेक पोस्ट , संदिग्ध वाहनों की त्वरित ट्रैकिंग और वन संबंधी अपराधों का पता लगाने और जांच में सहायता प्रदान करती है। यह प्रथम संरक्षण के लिए अधिक प्रभावी दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए कुशल वन गश्त और वन्यजीव दर्शन रिकॉर्डिंग के लिए आर्टीफिशियल ईन्टेन्जिन्स का उपयोग करता है।
वन प्रहरी परियोजना के प्रारंभिक चरण में दक्षिण गुजरात के छह जिलों में आठ स्थानों पर वन चेक पोस्ट का आधुनिकीकरण शामिल है। साथ ही इसमें वन संरक्षण उपायों को मजबूत करने के लिए रेंज वन अधिकारियों के स्तर पर प्रभावी निर्णय लेने और उपयोग के लिए क्षेत्र-स्तरीय प्रबंधन सूचना प्रणाली का विकास भी शामिल है।
इस परियोजना ने तापी जिले में अपने पायलट चरण के दौरान लकड़ी चोरी जैसी चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान किया है। इस पहल का उद्देश्य न केवल वन अपराधों से निपटना है, बल्कि वन संसाधनों के संरक्षण के लिए एक सहयोगात्मक और तकनीकी रूप से उन्नत दृष्टिकोण का निर्माण करना और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और पर्यावरण संरक्षण के साथ ही अधिक टिकाऊ भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना है।
इस MoU हस्ताक्षर समारोह में मुकेश पटेल, माननीय MOS वन एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन एवं जल आपूर्ति, गुजरात सरकार, संदीपभाई देसाई, माननीय विधायक, चोर्यासी, डॉ. अनिल मटू, प्रमुख – मानव संसाधन संचालन, आईआऱ और प्रशासनिक, AM/NS India, संतोष मुंधड़ा, कार्यकारी निदेशक – प्रोजेक्ट्स, AM/NS India, हजीरा, डॉ. के. शशी कुमार, मुख्य वन संरक्षक, सूरत, पुनीत नैय्यर, उप वन संरक्षक, तापी, आनंद कुमार, उप वन संरक्षक, सूरत उपस्थित थे।