नई दिल्ली। भारत की बेरोजगारी दर घटकर फिर से कोविड से पहले वाले स्तर पर आ गई है। फरवरी 2021 में देश में बेरोजगारी दर 6.9 प्रतिशत रही, जबकि फरवरी 2020 में यह 7.8 प्रतिशत रही थी।इसकी जानकारी सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के साप्ताहिक आंकड़े से सामने आई है। लेकिन यह डेटा जश्न मनाने वाली बात नहीं है।इसकी प्रमुख वजह है। सीएमआईई के अनुसार, प्री-लॉकडाउन लेवल पर बेरोजगारी दर की वापसी जश्न मनाने लायक नहीं है,क्योंकि यह बेरोजगारों की गिनती में गिरावट की तुलना में कम होती लेबर फोर्स अधिक दिखा रही है। सीएमआईई का कहना है कि लेबर फोर्स का पार्टीसिपेशन रेट और एम्प्लॉयमेंट रेट लॉकडाउन से पहले के स्तर से काफी कम बना हुआ है, जो दर्शाता है कि लेबर मार्केट में जॉब की कमी है और लेबर इससे कूच कर गई है। सीएमआईई के आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी 2021 में लेबर पार्टीसिपेशन रेट 40.5 प्रतिशत था। जनवरी 2021 में यह 40.6 प्रतिशत और फरवरी 2020 में 42.6 प्रतिशत था।
भारत में रोजगार दर फरवरी 2021 में घटकर 37.7 प्रतिशत रह गई, जबकि 2019-20 में यह 39.4 प्रतिशत पर थी। आंकड़ों में कहा गया कि पिछले तीन वर्षों से रोजगार दर में गिरावट जारी है। हालांकि, यह दर वित्त वर्ष 2020-21 में पहले की गिरावट से उबर गई है। सीएमआईई ने कहा कि इस अवधि में नौकरी करने वालों की गिनती में काफी तेजी से गिरावट आई है। पिछले वित्त वर्ष की जुलाई-फरवरी अवधि के दौरान, औसतन 40.53 करोड़ लोग रोजगार में थे। चालू वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान 39.52 करोड़ लोग ही रोजगार में थे। पिछले साल की तुलना में इस साल 1 करोड़ कम नौकरियों का अनुमान है।