देवउठनी एकादशी: भक्ति और परंपरा का अद्वितीय महत्व

भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में व्रत और त्योहारों का महत्वपूर्ण स्थान है, जो भक्ति और समर्पण के भावनात्मक महत्व को उत्कृष्ट करते हैं। इनमें से एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है “देवउठनी एकादशी” जो हिन्दू कैलेंडर में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सूचित करता है। देवउठनी एकादशी का अर्थ और महत्व देवउठनी एकादशी, जिसे…

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तुलसी विवाह: भगवान विष्णु और तुलसी का आत्मिक मिलन

भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में तुलसी विवाह, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को सूचित करता है और यह एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है। इस विशेष दिन को भगवान विष्णु और तुलसी के आत्मिक विवाह के रूप में मनाया जाता है, जिससे समृद्धि, सुख, और प्रेम की भावना से भरा हुआ है। तुलसी विवाह का…

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क्लीनिकल एविडेंस के साथ चिकित्सा करने की आवश्यकता -डॉ. भास्कर शर्मा

होम्योपैथी से रोगों को जड़ से मिटाया जा सकता हैl क्रॉनिक डिजीज के सफल उपचार के लिए मरीज के वर्तमान हिस्ट्री लक्षणों के विवरण के साथ मरीज के इलाज के पहले दिन से लेकर इलाज पूर्ण होने तक की सभी रिपोर्ट,उपचार का रिकॉर्ड के साथ ही इलाज से पूर्व करायी गयी जांच रिपोर्ट से लेकर…

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धार्मिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करता बिहार

लेखक -चंद्रकांत पुजारीगुजरात अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन धार्मिक स्वतंत्रता का हनन बिहार की शिक्षा व्यवस्था में देखी जा सकती है। बिहार सरकार ने शिक्षा की नई अवकाश तालिका में प्रमुख त्योहारों की छुट्टी रद्द कर दी है जो हिन्दू शिक्षकों के लिए निराशाजनक है । जन्माष्टमी का त्योहार, छठ ,तीज जिउतिया सभी प्रमुख त्योहार…

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“जीवन में परिवर्तन: हेमंत कटालेला का गंगा सागर फाउंडेशन आशा और सशक्तिकरण को जगाता है”

करुणा और निस्वार्थता की कमी से ग्रस्त दुनिया में, कुछ असाधारण व्यक्ति दूसरों की सेवा के प्रति अपने समर्पण के माध्यम से आशा की किरण जगाते हैं। गंगा सागर फाउंडेशन के संस्थापक हेमंत कटेला ऐसे ही एक असाधारण व्यक्ति हैं। सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने राजस्थान के बीकानेर में सकारात्मक बदलाव और…

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पूज्य संत श्री मोरारी बापू ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर ‘त्रिभुवन के लिए त्रिभुवन सूत्र’ पुस्तक का विमोचन किया

भारत के प्रसिद्ध और आदरणीय संत श्री मोरारी बापू ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर ‘त्रिभुवन के लिए त्रिभुवन सूत्र’ नामक एक संक्षिप्त और उपयोगी संकलन का अनावरण किया। यह लॉन्च इस लिए भी विशेष है क्योंकि इस पुस्तक का नाम बापू के गुरु और दादा त्रिभुवन के नाम पर रखा गया है।संस्कृत में ‘त्रिभुवन’…

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रामनवमी विशेष: राम-घनश्याम: समन्वय के श्वेत पद्म!

बागेश्वरधाम के धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्रीजी का यह कथन मीडिया और समाज में बहुचर्चित हो रहा है कि “भारत हिन्दू राष्ट्र था, है और रहेगा।” कुछ पत्रकारों ने तो इस बयान को लेकर उनसे यहांतक पूछ लिया कि क्या ऐसा होने पर दूसरे धर्म के लोग भारत में नहीं रहेंगे? शायद ऐसा तर्क देनेवाले या तो सनातन…

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बुलंदियों की नई परिभाषा लिख रहे हैं डॉ. भास्कर शर्मा

लगन, पूर्ण मनोयोग से किया गया परिश्रम तथा विषम परिस्थितियों में भी संयम बनाए रखना निश्चय ही भीड़ से अलग पहचान दिलाता है। अपने कर्तव्यों के प्रति निरंतर मनन, मंथन तथा चिंतन बुलंदियों की नई परिभाषा गढ़ने का मूल मंत्र है। कहा जाता है कि व्यक्ति के व्यक्तित्व और कृतित्व की व्याख्या उसके सामाजिक सहभागिता…

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आध्यात्म का सार

आदर्शों का आभूषण मात्र बनने से हमारा जीवन आदर्श कभी नहीं होता है । आदर्श आचरण के रूप में घटित हों तो आदर्श जीवन का निश्चित है। दुनिया के सारे सुख-वैभव-ऐश्वर्य फीके यदि मन में शांति नही है । मन को साधना बहुत – बहुत ज़रूरी है जिससे अपनी असीमित इच्छाओं पर अंकुश लगे ।…

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