व्यासगुफा बदरीनाथ धाम से ८९७वीं रामकथा का शुभारंभ
व्यास आदि कविपुंगव नाना।जिन्ह सादर हरि सुजस बखाना।।ब्यास आदि कविबर्ज बखानी।कागभुशुंडि गरुड के ही की।। इन पवित्र पंक्तियों के साथ उत्तराखंड के हिमालय के उतुंग शिखर बद्रीनाथ धाम के निकट व्यास गुफा के सानिध्य में माना गांव के पास क्रम ८९७वीं कोरोना नियमो का चुस्त पालन करते हुए क्रम में रामकथा का प्रारंभ करते हुए…