हवा में आंदोलन करेंगे किसान!

-किसानों ने कहा न जंतर-मंतर, न रामलीला मैदान पर मिल रही धरने की अनुमति…सड़क से भी भगाने की हो रही कोशिश

नई दिल्ली । कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत मांग रहे किसान संगठनों को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फटकार लगाई है। सख्त टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि आपने पूरे दिल्ली शहर का दम घोंट दिया है। हाईवे जाम कर दिया है। इस पर किसानों का कहना है कि हमें न जंतर-मंतर, न रामलीला मैदान पर धरने की अनुमति दी जा रही है। वहीं सड़क से भी भगाने की कोशिश हो रही है। ऐसे में अब हम हवा में धरना देंगे।
संगठन ने कहा था कि जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण और अहिंसक विरोध प्रदर्शन करने के लिए 200 किसानों को एकजुट होने की अनुमति दी जाए। इसके जवाब में बाद कोर्ट ने कहा कि पूरे शहर का दम घोंटने के बाद आप शहर के अंदर आना चाहते हैं। यहां रहने वाले नागरिक क्या इस प्रदर्शन से खुश हैं? ये गतिविधियां रुकनीं चाहिए।
-कोर्ट की शरण में आने के बाद उस पर विश्वास करना चाहिए
जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि किसी कानून को अदालतों में चुनौती देने के बाद कोर्ट पर विश्वास करना चाहिए। आपको विरोध-प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन नेशनल हाईवे ब्लॉक होने के चलते लोगों को परेशानी में नहीं डाला जा सकता है।
कोर्ट ने पूछा था- हाईवे कैसे ब्लॉक कर सकते हैं?
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भी कहा था कि प्रदर्शनकारी हर रोज हाईवे को कैसे ब्लॉक कर सकते हैं? अधिकारियों की ड्यूटी है कि वे कोर्ट द्वारा तय की गई व्यवस्था को लागू कराएं। केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने इस बात की इजाजत दे दी है कि वह किसान संगठनों को इस मामले में पक्षकार बनाए। कोर्ट ने कहा कि जो भी समस्या है, उसका समाधान जूडिशियल फोरम या संसदीय चर्चा से निकाला जा सकता है। बता दें नोएडा की एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि दिल्ली बॉर्डर ब्लॉक किए जाने से नोएडा से दिल्ली पहुंचने में 20 मिनट के बजाय दो घंटे लगते हैं और यह एक बुरे सपने की तरह है।
अगस्त में कोर्ट ने कहा था- सरकार समाधान निकाले
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में सरकार से समाधान तलाशने को कहा था सुप्रीम कोर्ट ने 23 अगस्त को भी कहा था कि किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन सड़कें अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं कर सकते। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस समस्या का हल खोजने के लिए भी कहा था। कोर्ट ने सरकारों से कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का जो प्रदर्शन हो रहा है उससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लोगों को आवाजाही में हो रही परेशानी का समाधान करें।

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