बनारस में गंगा का पानी हरा हुआ,विशेषज्ञ चिंतित

वाराणसी । बनारस में सिंघिया घाट से लेकर राजा घाट तक गंगा का पानी हरा होने पर जानकारों ने चिंता जताई है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि कहीं गंगा गंगा धीमे-धीमे खत्म तो नहीं हो रही है। ये बनारस के सिंधिया घाट के आसपास की गंगा में और किसी गंदे ठहरे पानी में कोई अंतर नहीं है। पानी हरा हो गया है, इसमें काई जम गई है। अब इतने गंदे और जहरीले पानी में कोई उतरने की हिम्मत कैसे करे। गंगा नदी में ऐसा काई है जो लोगों ने कभी जीवन में भी नहीं देखी जो काई आज जम रही है जिस तरह वरुणा नदी में जम जाती है। घाट के अन्य लोग भी गंगा की इस दशा को देख कर बेहद चिंतित हैं। कई दशकों से गंगा प्रदूषण के लिए गंगा अनुसंधान प्रयोगशाला चला रहे संकट मोचन मंदिर के महंत भी बीते 5 दशकों से हर रोज गंगा में स्नान करते हैं लेकिन कभी गंगा की ऐसी दशा नहीं देखी घाट के तमाम लोगों के साथ इनका भी मानना है कि गंगा की इस दशा के लिए एक बड़ा कारण ललिता घाट के सामने गंगा के भीतर बन रहा प्लेटफार्म है, जिसने गंगा के प्रवाह को रोक दिया है।
गौरतलब बात यह है कि पहले अस्सी से लेकर ललिता घाट तक गंगा का पानी हरा नहीं था। उसके आगे के घाटों में ही हरा पानी दिख रहा है हालांकि तेज हवा चलने के कारण अन्य घाटों में भी पानी हरा नज़र आने लगा है । इसलिए जानकारों का ये भी मानना है कि अगर इसी तरह गैर वैज्ञानिक तरीके से गंगा की मुख्य धारा के साथ छेड़छाड़ होता रहा तो मुमकिन है कि वो बनारस के घाटों से कहीं दूर ना हो जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *