अहमदाबाद | गुजरात कांग्रेस ने कोरोना से जान गंवाने वाले मरीजों के परिजनों को रु. 4 लाख की सहायता और प्रति माह रु. 10000 पैंशन देने की मांग की है| कांग्रेस नेता दीपक बाबरिया ने कहा कि तौकते चक्रवात से राज्य में लाखों लोगों की मौत हुई है| सरकार सही आंकड़े पेश नहीं कर रही| कोरोना महामारी भी एक प्राकृतिक आपदा है| ऐसे में जिस प्रकार भूकंप और बाढ़ जैसी आपदा में पीड़ित परिवारों को जो राहत दी जाती है, वैसे ही राहत चक्रवात प्रभावित परिवारों की दी जानी चाहिए| बाबरिया ने कहा कि राज्य सरकार तुरंत पीड़ित परिवारों के लिए रु. 400000 की सहायता का ऐलान करे| साथ ही ऐसे परिवारों को रु. 10000 मासिक पैंशन भी दिया जाए| ऐसे परिवार के बच्चों के लिए नवोदय विद्यालय और जहां नवोदय विद्यालय की सुविधा न हो ऐसे इलाकों में राइट टू एज्यूकेशन की तर्ज पर बच्चों की शिक्षा का खर्च राज्य सरकार वहन करे| जिन परिवारों ने कोरोना में मुखिया गंवा दिया है, ऐसे परिवारों को बीपीएल कार्ड की तर्ज पर कोरोनाग्रस्त परिवार कार्ड दिए जाएं और बीपीएल कार्ड की मुताबिक सभी लाभ दिए जाने चाहिए| ऐसे परिवारों को उनके इलाकों में मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए| दीपक बाबरिया ने कहा कि कोरोना/लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक मंदी और बेरोजगारी की स्थिति में समाज के छोटे वर्कशोप और फैक्ट्री धारक उद्योगकारों, छोटे दुकानदारों, हेयर कटिंग, दर्जी काम, सुथारी काम, प्लबिंग काम करने वाले समेत श्रमिक, रेहडी, पटरी वाले, ऑटो रिक्शा और बच्चों के पिकअप वैन समेत स्वरोजगारित टेक्सी ड्राइवरों से जुड़े सर्विस सेक्टर के लोग एक साल से अर्ध भूखमरी से जूझ रहे हैं और कर्ज में डूब गए हैं| इसी प्रकार कोन्ट्रेक्ट पर काम करते सरकारी, अर्ध सरकारी और निजी क्षेत्र के छोटे व्यवसायी, दुकानें, ऑफीसें, गोदाम और ट्रांसपोर्ट में नौकरी करने वाले सामान्य एवं मध्यम वर्ग के कर्मचारियों की हालत काफी दयनीय हो गई है| इन सभी लोगों को राहत दी जानी चाहिए|