दृष्टिहीनता के प्रति जनजागृति : SVNM ट्रस्ट द्वारा आयोजित “उजियाला” कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न

सूरत :

“आंखें”, परमात्मा ने मनुष्य को दिया हुआ अनमोल उपहार है। दुनिया कितनी भी खूबसूरत हो, आंखों के बिना बेरंग और अंधकारमय है। नेत्रों की पूरी देखभाल के साथ ही सभी को समय-समय पर आंखों की जांच करानी चाहिए, तभी हम अनावश्यक अंधेपन को रोक सकते हैं।” इसी उमदा संदेश और दृष्टिहीनता के प्रति जनजागृति के लिए सूरत स्थित स्वामी विवेकानंद नेत्र मंदिर(SVNM) ट्रस्ट द्वारा रविवार, 23 जून को अठवालाइन्स स्थित इंडौर स्टेडियम में “उजियाला – दृष्टि से सृष्टि की ओर” इवेंट का आयोजन किया गया था। राज्य के गृहमंत्री श्री हर्ष संघवी मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में उपस्थित रहे थे।

रविवार को सुबह 9:00 से दोपहर 1:00 बजे तक आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत दृष्टिहीन लोगों द्वारा एक लाइव म्यूज़िक बैंड से हुई थी। उनके इस हुनर ने सभी का मन मोह लिया। इसके बाद, SVNM ट्रस्ट द्वारा अंधेपन की रोकथाम के लिए किए जाने वाले कार्य तथा मानव जीवन को प्रेरित करके नई ऊर्जा देने वाली सच्ची कहानी प्रस्तुत की गई थी। अंधेपन से पीड़ित जरूरतमंद लोगों को आंखों की निशुल्क सर्जरी प्रदान करने के SVNM ट्रस्ट के मिशन में जुड़ने और इसे सहयोग देते हुए इस कार्यक्रम में 4500 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में चिकित्सकों एवं वक्ताओं ने आंखों की नियमित जांच पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, अनावश्यक अंधेपन से मुक्त रहने के लिए साल में कम से कम एक बार आंखों की जांच बहुत जरूरी है। सभी को नियमित रूप से आंखों की जांच करानी चाहिए। ग्लूकोमा, झामर एक आनुवांशिक बीमारी है, जो विरासत में मिलती है। इसलिए अगर घर में किसी को ग्लूकोमा है, तो नियमित रूप से आंखों की जांच जरूरी है। इसके अलावा मधुमेह होने पर व्यक्ति को नियमित रूप से आंखों के पर्दे के डोक्टर को दिखाना चाहिए। अगर आंखों की जांच न कराई जाए तो आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है। यदि किसी बच्चे का जन्म समय से पहले हो गया है, तो जन्म के एक महीने के भीतर किसी नेत्र चिकित्सक को दिखाना चाहिए। उपचार के बिना, बच्चा जीवनभर देख नहीं पाएगा। मोतियाबिंद हर किसी को होता है। अंधेपन की पीड़ा से बचने के लिए समय पर मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना भी बेहद जरूरी है।

SVNM ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं आंखों के पर्दे के डॉ. भाविन पटेल ने कहा कि, हमारी संस्था प्रिवेंशन ऑफ़ ब्लाइंडनेस (दृष्टिहीनता की रोकथाम) और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। आज गुजरात में 6 लाख सहित पूरे देशभर में लगभग एक करोड़ लोग अंधेपन से पीड़ित हैं। यदि नियत समय के दौरान आंखों की जांच की जाए तो 80 प्रतिशत मामलों में अकारण दृष्टिहीनता को रोका जा सकता है। ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर आंखों का जांच शिविर, आंखों की देखभाल पर सेमिनार और वर्कशॉप और जागरूकता अभियान का आयोजन किया जाता है। ट्रस्ट द्वारा गरीब एवं जरूरतमंद लोगों की आंखों के उपचार एवं आंखों की सर्जरी निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। ट्रस्ट ने अंधत्व के उपचार से वंचित लोगों तक पहुंचने तथा अंधत्व से मुक्ति दिलाने के लिए आवश्यक किसी भी तरीके से उपचार कराने की जिम्मेदारी ली है। SVNM ट्रस्ट का सूत्र “सेव विज़न, सेव लाइफ” ( दृष्टि बचाओ, जीवन बचाओ) है और समाज से बिन ज़रूरी अंधत्व को दूर करना, इसका मिशन है।

SNNM ट्रस्ट का आंखों का अस्पताल सूरत के उधना और अडाजण क्षेत्र में है और दक्षिण गुजरात के गांवों के वंचित लोगों को इलाज प्रदान करने के लिए जल्द ही नवसारी में एक नया अत्याधुनिक नेत्र अस्पताल शुरू करने की योजना बना रहा है। इसके बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी आंखों का अस्पताल शुरू करने की योजना है।

स्वामी विवेकानंदजी ने कहा है, “ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है यहां।” हम जीवन में अंधकार से उजाले की ओर आगे बढ़े, इसी संदेश के साथ “उजियाला” कार्यक्रम में जीवन के लिए प्रेरणात्मक कहानी भी प्रस्तुत की गई थी। SVNM ट्रस्ट ने, साझा प्रयास से समाज से दृष्टिहीनता को खत्म करने के इस मिशन में जुड़ने के लिए लोगों का आभार व्यक्त किया।

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