सूरत । जिस रेमडेसिविर इंजेक्शन को कोरोना का रामबाण इलाज माना जा रहा हैं, वही लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है। रेमेडेसिविर की डोज लेने के बाद मरीजों को ऐसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनका जीवनभर इलाज कराना पड़ सकता है। रेमडेसिविर और स्टेरॉयड के कॉम्बिनेशन से शरीर का शुगर लेवल बढ़ जाता है। डायबिटीज के मरीजों का शुगर 400 तक पहुंच जाता है। कोरोना ठीक होने के बाद बॉडी हार्मोन में बदलाव होने लगता है और मरीज को कई समस्या पैदा हो जाती है। रेमेडिसिविर के साइड इफेक्ट के कारण मरीज डॉक्टरों के चक्कर काट रहे हैं। फिर भी डॉक्टर कोरोना मरीजों को रेमेडेसिविर इंजेक्शन लिख रहे हैं और लोग इसे ब्लैक में खरीदने पर मजबूर हैं। डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना से रिकवरी के बाद मरीजों को पोस्ट कोविड कॉम्पिलिकेशन्स की समस्या होती है। शहर में 2000 मरीजों में रेमडेसिविर के साइड इफेक्ट सामने आए हैं। ये वे मरीज हैं, जो 14 दिन से अधिक समय में रिकवर हुए और ऑक्सीजन बाइपेप और वेंटिलेटर पर रहे। इन मरीजों को थकान, घबराहट, सांस लेने की समस्या, जोड़ो में दर्द, अनिद्रा, एंजायटी, कमजोरी, भूंख न लगना, मांसपेशियों में खिंचाव, जैसी समस्या हो रही हैं।