सूरत- हीरा और कपड़ा क्षेत्र के लिए जाना जानेवाला सूरत अब जीवदया के पांच करोड़ के ऐतिहासिक दान के लिए जाना जाएगा। युगप्रधान आचार्यसम पन्यास श्री चन्द्रशेखरविजयजी म.सा. प्रेरित श्री सहस्रफना पार्श्वनाथ ट्रस्ट (सूरत), साथ ही वर्धमान संस्कार धाम (मुंबई) जैन संस्थान द्वारा विशाल, विशाल एवं ऐतिहासिक जीवदया क्षेत्र का कार्य सूरत वेसु स्थित ओंकारसूरि आराधना भवन वेसु में संपन्न हुआ। इन दोनों जैन संगठनों ने अपने संयुक्त तत्वावधान में 200 से अधिक पंजरापोलो को 5 करोड़ से अधिक का दान दिया। यह कार्य मितव्ययी जीवन को प्रोत्साहित करने तथा पशुओं की सहायता करने के उद्देश्य से किया गया था। गुजरात, सौराष्ट्र और महाराष्ट्र के विभिन्न पांजरापोलो में दान पहुंचाया गया। इस कार्य से 2 लाख से अधिक अबोल मवेशियों को भोजन मिलेगा। यह भव्य आयोजन सूरत के वेसू स्थित ओंकारसूरी आराधना भवन में आयोजित किया गया। परम पूज्य भक्ति योगाचार्य श्री यशोविजयसूरीश्वरजी महाराज की पावन निश्रा प्राप्त हुई। इसके अलावा वैराग्यवारिधि कुलचंद्रसूरीश्वरजी म.सा., श्री रश्मीरत्नसूरीश्वरजी म.सा., श्री भव्यकीर्ति सूरीश्वरजी म.सा. अन्य साधू और साध्वी जी भगवंत भी उपस्थित थे। इस कार्य में जैन धर्म के सभी श्रेष्ठजनों के साथ-साथ पांजरापोल के कार्यकर्ता और ट्रस्टी भी शामिल हुए और इसकी सुंदरता को बढ़ाया। निर्णय लिया गया कि हम हर साल इसी प्रकार पांजरापोलो में घास और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए काम करेंगे।