20वीं सदी के जैनाचार्य श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी महाराजा द्वारा संस्कृत में रचित 230 ग्रंथों को एक साथ जारी किए जाएंगे

20वीं सदी के अद्वितीय-आदित्य बहु श्रुत-विद्वान जैनाचार्य आनंद सागर सूरीश्वरजी महाराजा जिन्हें संपूर्ण जैन शासन प्रणेता के रूप में पहचानता है। जिसकी बहुमुखी प्रतिभा ने कई विद्वानों को चकित कर दिया। श्री गांधीजी मदनमोहन मालवीयजी पंडित सुखलाल आदि उनके प्रशंसक थे। जैनों के 45 आगमों का उन्होंने उद्धार किया। उन्होंने लगभग 11 लाख श्लोक संपादित…

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सूरत में पहली ऐतिहासिक चार दिवसीय प्रभु यात्रा

सूरत । ग्रंथराज यात्रा अद्भुत अलौकिक चमत्कारी 2300 किलो का पंचधातु दशदिकपाल – नवग्रह – अष्टमंगल – क्षेत्रपाल युक्त जया – अजिता – अपराजिता – धरणेंद्र संयुक्त विजया देवी – पद्मावती – सोलह विद्यादेवी से सुसज्जित प्रभु का च्यवन – कैवल्य कल्याणक दिवस पर 5 मिनट में निर्मित आश्चर्यजनक, अलौकिक 85” इंच पंचधातु की श्री…

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सूरत में एक बार फिर 24 दीक्षार्थियों की सामूहिक दीक्षा देखी गई

सूरत भूमि, सूरत। नाम बदलना – वेश बदलना – दृष्टिकोण बदलना – ध्यान बदलना – जीवन बदलना – परिवार बदलना – भाग्य बदलना – कार्य बदलना – लक्ष्य बदलना – वचन बदलना ही प्रवज्या (संयम-दीक्षा) है। चातुर्मास के बाद पहला 24वां सामूहिक दीक्षा समारोह आसरा निवासी कोर्डिया भारमलभाई मालजीभाई परिवार द्वारा वेसू की तपोभूमि यशोकृपा…

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