वेसू स्थित संयमतीर्थ श्री महाविदेहधाम में जैनाचार्य पू. कुलचंद्रसूरिजी महाराज श्री के सोह्मण सान्निध्य में 900 से अधिक आचार्य भगवंतों, पन्यासजी भगवंतों, श्रमणों एवं श्रमणी शंखेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय एवं दीक्षादानेश्वरी आ. गुणरत्नसूरिजी म. काष्ठमय मंदिरों की पवित्र प्रतिष्ठा हजारों भावुक भक्तों की उपस्थिति में बड़े उत्साह के साथ मनाई गई। “ओम पुण्यः पुण्यः, प्रियन्तं प्रियन्तं” के पवित्र मंत्रों के साथ भगवान की गरिमा और महिमा की गूंज के साथ हजारों भक्त उमड़ पड़े। प्रतिष्ठा के बाद धर्म सभा का आयोजन किया गया। 6000 से ज्यादा की क्षमता वाला पूरा मंडप खचाखच भरा हुआ था।
मुंबई के प्रसिद्ध वक्ता (एंकर) श्री संजयभाई वखारिया ने सोमवा मंडवा में बिराजित सोमवा श्रावकों और श्राविकाओं की रोंगटे खड़े कर देने वाली गुरुगुण संवेदनाओं के माध्यम से हजारों भक्तों की आंखों से श्रवण-भाद्रव के आंसुओं की वर्षा की। सभी आयोजनों में अनेक समुदायों के आचार्य भागवत एवं श्रमण-श्रमणी भगवंत सम्मिलित हुए। इस शुभ अवसर पर श्री महाविदेह धाम तपागच्छ श्वे. ईसा पूर्व जैन संघ की स्थापना हुई। पू. गच्छाधिपति श्री राजेंद्रसूरिजी महाराज की आज्ञा और आशीर्वाद पू. आ. श्री वेराग्यवारिधि कुलचंद्रसूरिजी महाराज साहेब “सिद्धांत विशारद” और जैन संघों के सुन्दर कार्य के बदले सुश्रावक डॉ. श्री संजयभाई शाह को वैराग्यवारिधि पू. आ. श्री कुलचंद्रसूरिजी महाराज साहब को ‘शासनरत्न’ की उपाधि से सम्मानित किए जाने पर हजारों श्रद्धालु उत्साह से नाच उठे।
ट्रस्टियों ने इस ग्यारह दिवसीय ऐतिहासिक एवं भव्य आयोजन को सफल बनाने वाले सभी सूत्रधारों के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रेस्टीज का अद्भुत वातावरण देखकर पूरे भारत में अत्यंत हर्ष का माहौल था। इस साल का पहला चातुर्मास पन्यासप्रवर गौतमरत्न- विजयाजी म. पन्यास श्री पद्मदर्शन महाराज साहब ने कहा कि आदि श्रमण भगवंत का गुणगान किया गया।