अब दीव बना भारत का पहला पूरी तरह सोलर पावर से चलने नगर, राष्‍ट्रपति कोविंद ने की सराहना

नई दिल्‍ली । देश के राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुजरात व महाराष्ट्र के समीप केंद्र शासित प्रदेश दादर व नगर हवेली के दीव शहर के पहले सोलर पावर से संचालित होने पर प्रशंसा की है। शनिवार को उन्‍होंने संघ राज्‍य क्षेत्र के उत्‍साहपूर्ण प्रयासों की प्रशंसा करते हुए सौर ऊर्जा क्षेत्र में सफलता का परचम लहराने का भी जिक्र किया। राष्‍ट्रपति ने कहा, ‘संघ राज्य-क्षेत्र के उत्साहपूर्ण प्रयासों से अब दीव शहर भारत का ऐसा पहला नगर बन गया है, जो दिन के समय अपनी ऊर्जा की शत-प्रतिशत जरूरत सौर ऊर्जा से पूरी कर रहा है। दीव में पर्यटकों की विशेष पसंद वाली अनेक ऐतिहासिक एवं सांस्‍कृतिक धरोहरों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। मुझे प्रसन्नता है कि दीव जिले में भी, आत्‍मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है।’ दरअसल वर्ष 2018 की शुरुआत में ही अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की ओर कदम बढ़ाते हुए दीव सौर ऊर्जा से 100 फीसद चलने वाला देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया। वहां सौर ऊर्जा का उत्पादन काफी तेजी से बढ़ा है। रोचक यह है कि मात्र 42 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल वाले दीव में जमीन की कमी है लेकिन फिर भी करीब 50 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र पर सोलर पावर प्लांट्स लगाए गए हैं। उल्‍लेखनीय है कि यहां कोरोना वायरस संक्रमण का मामला भी देर से आया था।
दीव कुल 13 मेगावॉट बिजली सोलर पावर से उत्पादन करता है। इसमें से करीब 3 मेगावॉट बिजली छतों पर लगे सोलर प्लांट्स और 10 मेगावॉट अन्य सोलर पावर प्लांट्स से उत्पादन किया जाता है। इससे पहले तक गुजरात सरकार की ग्रिड से दीव को बिजली मिलती थी जिसमें बड़ी मात्रा में बिजली बर्बाद हो जाती थी। जब से यहां की पावर कंपनी ने सौर ऊर्जा से बिजली बनाना शुरू किया तब से ही इसकी बर्बादी काफी कम हो गई।
सोलर प्‍लांट के विकास से पहले पानी और बिजली के लिए गुजरात सरकार का आसरा था और इसलिए यहां सोलर प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया। 2018 में दीव में बिजली की डिमांड 7 मेगावॉट तक थी और सोलर प्‍लांट लगने के बाद करीब 10.5 मेगावॉट बिजली का उत्पादन सौर ऊर्जा से किया जाने लगा। सोलर पावर के इस्तेमाल से लोगों को राहत मिली, 12 फीसद तक बिजली बिल कम हो गए। दो साल पहले संयुक्‍त राष्‍ट्र ने सौर उर्जा के लिए बेहतरीन काम करने को लेकर भारत की सराहना की थी। वर्ष 2015 में केरल का कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित दुनिया का पहला हवाईअड्डा बन गया था।

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