सूरत| रविवार की सुबह-सुबह अगमोद्धारक धनेरा आराधना भवन से प्रवचन प्रभावक पू. आ. सागरचंद्रसागर सूरीश्वरजी की निश्रा में प्रभु यात्रा एवं ग्रंथराज की यात्रा वेसू के तीनों संघों से राजमार्गों से होते हुए भवन में पहुंची। ये प्रभुजी अद्भुत चमत्कारी एवं अद्वितीय हैं। जिसमें लगभग 42 देवी-देवता भगवान के चरण कमलों में हैं, जिनके नाम 60 लाख से अधिक मंत्रों का उल्लेख हुआ हैं। ऐसे प्रभु की जिनालय का मुख्य लाभ प्रभु के प्रतिष्ठा आदि लाभ संघ द्वारा वर्षाबेन शरदभाई मेहता परिवार को दिया गया। इसके साथ ही, 25 से अधिक विद्वान जैनाचार्यों की प्रस्तावनाओं के साथ 230 खंडों का एक संग्रह, उषाकांतभाई ज़वेरी, नरेश मद्रासी, पीयूषभाई-पिपलोद, वेसुना ट्रस्टिगन और कई संघ नेताओं द्वारा जारी किया गया था। इस अवसर पर श्री अभय पार्श्वनाथ प्रभु के साथ एक लाख आठ हजार विभिन्न भक्त शामिल हुए।
वेसु-अगमोद्धारक धनेरा आराधना भवन में मूलनायक श्री अभय पार्श्वनाथ प्रभु के पू. सागरजी म. के 230 ग्रंथ पेश किये गये
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