श्री उमरा संघ का रजत जयंती वर्ष पर पहला बड़ा आयोजन

• 350 ्यरू… 30 दिन में पैदल चलेंगे… सूरत से सौराष्ट्र तक की यात्रा होगी जुताई
• प्रबल जैनाचार्य… स्वरा सम्राट… कुशल शिष्यों के मूर्तिकार, अयोध्यापुरम महातीर्थ के प्रवर्तक, आठ-आठ विराटों के प्रेरक और साथ ही कुल 45 पदयात्राएं पी.पी. बंधु बेल्दी आचार्य देव श्री जिनचंद्रसागरसुरिजी एम.एस.
• 24-11-2022 मा.सू.1 . की पदयात्रा का विजयी प्रस्थान
• पालिताना में स्थित शत्रुंजय-महातीर्थ का एक-एक कण पवित्र है। यहाँ से असंख्य आत्माओं ने मोक्ष की स्थिति प्राप्त की है।
• यह महातीर्थ शाश्वत, प्रभावशाली है। अति पवित्र, बड़े चमत्कारी फल देने वाले।
• हर गांव में जरूरतमंद लोगों को रोजाना 12-13 किमी पैदल चलना, आवश्यक सामग्री, कपड़े, बर्तन, अनाज-अनाज-मिठाई, शॉल-स्वेटर उपलब्ध कराए जाएंगे।
• नियमित व्याख्यान के माध्यम से नशामुक्ति, जीवन शुद्धि के मंत्र दिए जाएंगे, जिससे हजारों लोगों का जीवन बहाल हो सकेगा।
• 100 साधु-संतों समेत 350 तीर्थयात्री शामिल होंगे… यह संख्या अंतिम सप्ताह में 1000 को छू जाएगी।

सूरत। विराट अहिंसा-सदाचार- पदयात्रा का आयोजन क्यों?
इस साल वि. सं. 2078 (सन 2022) के चातुर्मास का अर्थ है महान जैनाचार्य बंधु बेल्डी गुरुभगवंत श्री जिनचंद्रसागरसुरिजी महाराजा और श्रमण-श्रमणी वृन्द का एक बड़ा समूह का आगमन श्री उमरा जैन संघ सूरत में । चातुर्मास… का माहौल दर्शकों के लिए बहुत अच्छा, ज्ञानवर्धक और मनोरंजक था। श्री उमरा संघ के जीवनदाता, श्री कुंथुनाथ और श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रमुख जिनालय की 25वीं वर्षगांठ मनाते हुए। इसे अद्वितीय और अनोखे तरीके से करने का फैसला किया। पं.पू. आचार्य भगवंत श्री ने पालिताना में स्थित शत्रुंजय महारत्न विराट छरिपालक महासंघ को दृढ़ता से प्रेरित किया। इसका उमरा संघ के प्रमुख ट्रस्टी श्री युवावर्ग, श्रोतागण आदि ने स्वागत किया। और अब 24 नवंबर को मा. सु. एकम की भव्य अहिंसा-सदाचार-विजय पदयात्रा सूरत से प्रस्थान करेगी। जो 24 दिसंबर को पो. सु. 1 पलिताना स्थित शत्रुंजय महातीर्थ में संपन्न होगा।
क्या होगी विशेषता? ये छ:री पालक विराट अहिंसा सदाचार पदयात्रा
• एक शानदार रचना के साथ एक सुंदर कलात्मक, सुंदर रथ में भगवान की छवि विराजमान.. पलिताना-(शत्रुंजय- महातीर्थ की) होगी।
• गजराज, ठंडी चालों से सजी ऊंट गाडयि़ाँ, आपको प्राचीन सभ्यता की याद दिला देंगी।
• 350 पदयात्री होंगे जिसमें 100 साधु-साध्वीजी भी लाभान्वित होंगे।
• बैंड, ढोल, शरनाई महातीर्थ के मधुर स्वरों की आराधना से वातावरण गूंज उठेगा।
• तीर्थयात्रियों की भक्ति व्यवस्था के लिए प्रतिदिन आवास हॉल और भोजन कक्ष बनाया जाएगा।
• जिनालयों का दिप शिंगार किया जाएगा। भव्य आरती होगी।

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