अहमदाबाद:भारत के सबसे बड़े गैर-सरकारी, छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए गैर-लाभकारी संगठन, भारत SME फोरम (ISF) ने भारत में खुदरा विक्रेताओं और व्यापारियों के लिए डिजिटलीकरण अभियान शुरू करने के अपने प्रयासों के भागरूप, मंगलवार, 30 अगस्त, 2022 को अहमदाबाद में ‘फ्यूचर प्रूफिंग रिटेल समिट’ का आयोजन किया। गुजरात शिखर सम्मेलन इस श्रृंखला में पहला है जिसका उद्देश्य खुदरा विक्रेताओं को अमेज़ॅन जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद करना है। शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पुरानी आपूर्ति श्रृंखलाओं के पुनर्गठन, कुशलता से इन्वेंट्री का प्रबंधन, ग्राहक अनुभव को फिर से परिभाषित करके और डिजिटल युग के लिए भौतिक स्टोर को फिर से तैयार करके व्यवसायों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करना था। इस सम्मेलन के दौरान हस्तशिल्प, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, घर और रसोई, फर्नीचर, खेल आपूर्ति, फैशन और सौंदर्य, नकली आभूषण, किराने का सामान और स्टेशनरी सहित क्षेत्रों में विक्रेताओं की भागीदारी ने डिजिटल कॉमर्स को सफलतापूर्वक अपनाने के उदाहरण प्रस्तुत किए।
इस शिखर सम्मेलन में पूरे दिन के कार्यक्रम के माध्यम से तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, पावर पैक्ड वर्कशॉप, गोलमेज चर्चा और मीडिया परामर्श पर ध्यान केंद्रित किया गया।
ग्राहक संबंधों को फिर से परिभाषित करना :
खुदरा विक्रेताओं को इस सत्र में सभी ग्राहक संबंधों पर पुनर्विचार और नियंत्रण कैसे करना चाहिए..? ग्राहक नीतियों की समीक्षा करने और ग्राहक मूल्य बढ़ाने के लिए नई आफर और अनुभव विकसित करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया था। इसमें उद्योग विशेषज्ञ जैसे श्री सचिन कामत, निदेशक, एनरिच; श्री आशीष बत्रा, सह-संस्थापक, myPAPERCLIP; श्री विवेक राणा, मैनेजिंग पार्टनर, GnothiSeautonऔर डॉ. वर्षा जैन, प्रोफेसर, इंटीग्रेटेड मार्केटिंग कम्युनिकेशन, MICA शामिल हुए थे। श्री राणा ने सुझाव दिया कि ऑनलाइन व्यापार की दुनिया में ग्राहक अनुभव की परिभाषा काफी बदल गई है। ग्राहक आधार बनाने और उनकी उभरती जरूरतों को पूरा करने की कुंजी प्रत्येक ग्राहक को एक व्यक्तिगत स्पर्श प्रदान करने और सेव थ्योरी, यानी समाधान, पहुंच, मूल्यवर्धन और अनुभव को अपनाने में निहित है। श्री बत्रा ने ओमनी-चैनल बिजनेस मॉडल पर जोर दिया जो व्यवसायों को बढ़ने और आने वाली पीढ़ियों के लिए तैयार रहने में मदद करते हैं।
आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला लचीलापन :
इस सत्र में, पैनल ने डमान्ड प्लानिंग, डिमान्ड सेन्सिंग, आपूर्ति श्रृंखला डिजिटलीकरण में निवेश, आगामी त्योहारी सीजन में स्टॉक की पेशकश के आधार पर परिवर्तन और आटोमेटेड स्टॉक इन्वेंट्री प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ खुदरा उद्योग में तकनीकी सुधार के महत्व पर चर्चा की। इनमें उद्योग विशेषज्ञ जैसे श्री रमेश वेंकट, हेड-इंडस्ट्री पार्टनर और न्यू इनीशिएटीव, लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल; डॉ. अनिल चिन्नाभंडार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष – SCM एंड प्लानिंग, लैंडमार्क समूह; श्री रजनीश गोयल, मुख्य आपूर्ति श्रृंखला अधिकारी, Licious; श्री अजय अग्रवाल, ग्लोबल हेड – रिटेल, Nihilent; श्री संजीव चंद्रा, क्षेत्रीय बिक्री प्रबंधक, पश्चिम और दक्षिण, ईकॉम एक्सप्रेस और श्री कृष्ण सिंह, संस्थापक, ग्लोबल स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (moderator) शामिल थे। चर्चा इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों को एक साथ आने और तकनीकी क्षेत्र को अपनाने की आवश्यकता पर केंद्रित थी। इसके अलावा, यह भी ध्यानाकर्षक रहा कि कैसे व्यापक आपूर्ति श्रृंखला और अंतिम मील वितरण विक्रेताओं को नए बाजारों और व्यवसायों को टैप करने में सक्षम बनाता है।
डिजिटल क्रांति को अपनाना :
चर्चा सत्र में स्मार्ट स्टोर के विचार के साथ-साथ डिजिटलीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला गया और खुदरा विक्रेताओं को विभिन्न रणनीतियों का उपयोग करके डिजिटल दुनिया को कैसे अपनाना चाहिए, इस विषय पर ध्यान केन्द्रित किया गया। इसमें उद्योग विशेषज्ञ श्री सैयद अख्तर, एसोसिएट डायरेक्टर, सुलेखा; श्री जेफ थॉमस, मुख्य स्ट्रेटेजिक आफिसर, स्पिंटा डिजिटल; सुश्री नेहा बंसल, संस्थापक और सीईओ, AV रिटेल; श्री शिरीष जोशी, मुख्य व्यवसाय अधिकारी, ओपन नेटवर्क फोर डिजिटल कॉमर्स और डॉ. अक्षय विजयलक्ष्मी, एसोसिएट प्रोफेसर PhD, मार्केटिंग, IIM अहमदाबाद (moderator) शामिल थे। इसमें यह भी चर्चा की गई कि कैसे डिजिटल क्रांति व्यवसाय की दुनिया को बदल रही है और उत्पादों की डिजाइन, उत्पादन और उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के तरीके में सुधार कर रही है, जिससे खुदरा मूल्य श्रृंखला के लिए जबरदस्त प्रभाव पैदा हो रहा है। डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल मनी ट्रांसफर विकल्पों का तेजी से विकास ओमनी-चैनल रिटेलर्स की उपस्थिति को बढ़ा रहा है, जिससे खरीदार के लिए एक सहज अनुभव सुनिश्चित होता है।
यह शिखर सम्मेलन गुजरात के खुदरा विक्रेताओं, व्यापारियों और दुकानदारों के संघों के साथ एक सलाहकार गोलमेज कांन्फ्रेंस के साथ समाप्त हुआ। जिसमें उद्योग के हितधारकों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई और उनका समाधान किया गया। इसके अलावा इसमें एक ही उद्योग में जीएसटी ब्रैकेट को मानकीकृत करने की आवश्यकता और कर सुधार, उद्यमियों के लिए कल्याण और पेंशन योजनाओं की आवश्यकता, MSMEs और सरकारी योजनाओं के लिए सब्सिडी, सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और एकल राष्ट्रीय और राज्य खुदरा व्यापार नीति के साथ आने की आवश्यकता शामिल हैं।
इंडिया SME फोरम, गुजरात चैप्टर के अध्यक्ष श्री नीलेश शुक्ला ने घोषणा की कि वे व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं के सामने आने वाली क्षेत्रीय चुनौतियों को जानने और समझने के लिए मासिक उद्योग हितधारक परामर्श आयोजित करेंगे और नियमित अंतराल पर राज्य और केंद्र सरकारों को नीतिगत सिफारिशें प्रस्तुत करेंगे।