सूरत: सार्वजनिक यूनिवर्सिटी के तहत श्री रामकृष्ण इंस्टीट्यूट ऑफ कम्यूटर एजुकेशन एंड एप्लाइड साइंस के एनएसएस कैंप के दौरान ग्रीनमैन के नाम से मशहूर पर्यावरण प्रेमी विरल देसाई को पौधारोपण और संवाद के लिए आमंत्रित किया गया. जहां विरल देसाई ने ‘जलवायु परिवर्तन में पर्यावरण सेनानी आवश्यकता’ पर बात कीवक्तव्य दिया था।
उल्लेखनीय है कि श्री रामकृष्ण इंस्टीट्यूट ऑफ कम्यूटर एजुकेशन एंड एप्लाइड साइंसेज का वार्षिक एनएसएस शिविर ऐतिहासिक वांझ गांव में आयोजित किया गया था। जहां पैंतीस छात्र श्रम और सेवा मूल्यों का प्रशिक्षण लिया था। कैंप के दौरान ग्रीनमैन विरल देसाई को छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जानकारी देने के लिए आमंत्रित किया गया था। जहां सभी छात्रों को विरल देसाई ने’पर्यावरण सेनानी’ की टोपी पहनाई थी। वहीं सभी छात्रों ने गांधीधुन के साथ वांझ प्राइमरी स्कूल तक रैली की. बाद में वहां वृक्षारोपण किया गया।
वृक्षारोपण कार्यक्रम के बाद ग्रीनमैन विरल देसाई ने बताया कि कैसे छात्र ‘पर्यावरण सेनानी’ बन सकते हैं, अपने स्तर पर पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं या एक अच्छे नागरिक बन सकते हैं और देश और दुनिया के भविष्य को बेहतर बना सकते हैं।इस मौके पर विरल देसाई ने कहा, ”कॉलेज के एनएसएस समन्वयक डॉ. संगीताबेन सनाध्या और डॉ. मीनलबेन वांसिया द्वारा छात्रों को दिए जा रहे श्रम और सेवा प्रशिक्षण को देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। आखिर पर्यावरण संरक्षण भी राष्ट्र के लिए हमारी सेवा का एक हिस्सा है और जब ये प्रोफेसर ऐसे छात्रों को तैयार कर रहे हैं, तो हमें विश्वास है कि हमारा कल सुंदर है।
विरल देसाई ने आगे कहा, “ठीक एक साल पहले हमने इस ऐतिहासिक वांझ गांव से ‘प्रदूषण के खिलाफ सत्याग्रह’ आंदोलन शुरू किया था। और आज ठीक एक साल बाद हमने यहां के छात्रों को ‘पर्यावरण सेनानी’ बनाया है। मुझे खुशी है कि गांधी और सरदार के मूल्यों पर आधारित आंदोलन में अब हजारों छात्र शामिल हो गए हैं।
वृक्षारोपण एवं संवाद के इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डाॅ. चौलामीबेन देसाई। वांझ गांव के तलाटी महेशभाई धोराजिया के साथ-साथ गांव की सरपंच हिनाबेन परेशभाई पटेल, के साथ-साथ पूर्व सरपंच समीर पटेल भी मौजूद थे.