सूरत(गुजरात) उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा का दामन छोड़कर सपा ज्वाइन कर ली है। इस पर हितेश विश्वकर्मा अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, स्वामी प्रसाद मौर्य जी पहले बसपा छोड़कर भाजपा में आए थे और अब उन्होंने भाजपा को छोड़कर सपा में जाने का निर्णय लिया है। तो ये उनकी मर्जी है लेकिन उनके समाजवादी पार्टी में शामिल होने से न भाजपा को नुकसान होगा और न ही समाजवादी पार्टी को फायदा होगा।
चुनाव नजदीक आता देख भाजपा और योगी आदित्यनाथ को भारी झटका देते हुए मंत्री स्वामी प्रसाद और तीन विधायकों ने आज इस्तीफा दे दिया और सपा में शामिल हो गए। योगी आदित्यनाथ सरकार के एक शीर्ष मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्विटर पर अपना इस्तीफा साझा किया। इस्तीफे के सार्वजनिक होने के तुरंत बाद तीन और विधायकों रोशन लाल वर्मा, बृजेश प्रजापति और भगवती सागर ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी।
मंगलवार को अपने इस्तीफे का एलान करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी सरकार पर कई आरोप लगाए। जबकि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी की सरकार सर्व धर्म का सम्मान कर रही है और खासकर गरीब और व्यापारियों को पूरा सहयोग कर रहे हैं स्वामी प्रसाद मौर्य से पूरा हिंदू समाज नाराज हैं श्री बजरंग सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा ने कहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके साथ गए जो भी व्यक्ति भाजपा को छोड़ दिया है वह कहीं से भी चुनाव लड़ने एकत्रित होकर इन्हें चुनाव में हराना है और हिंदुत्व की ताकत को दिखाना है हितेश विश्वकर्मा ने यह भी कहा कि अगर यह चुनाव हार जाते हैं तो हिंदुत्व की जीत होगी और आगे से कोई भी व्यक्ति हिंदुत्व के नाम से चुनाव लड़ेगा और जीत जाएगा फिर जातिवाद नहीं कर पाएगा अगर जातिवाद करेगा तो स्वामी प्रसाद मौर्या जैसा ही हाल होगा इस बात का उसे हमेशा डर लगा रहेगा ।