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महँगाई की मार - नए साल का मोदी उपहार: पवन खेराजी,कोंग्रेस प्रवक्ता - सूरत भूमि हिंदी न्यूज़

भारतीय राष्ट्रिय कोंग्रेस के प्रवक्ता श्री पवन खेराजी की प्रेसवार्ता को सम्बोधन

सभी देशवासियों को नव वर्ष की शुभकामनाएं! आपका नया साल मंगलमय हो, सुख-समृद्धि प्रगति उत्साह से भरा रहे। याद कीजिए हम हर नए वर्ष पर एक दूसरे की समृद्धि की कामना करते हैं, बधाई देते हैं। मगर कभी आपने सोचा है कि हमारी सरकार हमारी सुख-समृद्धि के लिए हमें नए वर्ष पर क्या दे रही है, हमारे लिए क्या कामना कर रही है? तो हम बताते हैं, बीते सात वर्षों की तरह इस वर्ष भी देश की जनता को जो उपहार मोदी सरकार द्वारा दिया जा रहा है, वो है – ‘महँगाई की मार का उपहार’।

2022 के पहले दिन ही मोदी सरकार ने हमें नए साल का तोहफा 2022 की नई महंगाई के रूप में दे डाला। यह नई महंगाई और इसके साथ 2021 के पूरे साल में लगभग 10 प्रतिशत की ऊँची बेरोजगारी दर।
क्या इसके लिए हमें मोदी जी को धन्यवाद देना चाहिए?
महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है। नवंबर 2021 में होलसेल प्राईज़ इंडैक्स 14.23 प्रतिशत रहा, जो पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा था। नए साल में इसका प्रभाव बहुत जल्दी महसूस होने लगेगा। इसलिए नए साल में प्रवेश करते हुए हमें हर सामान, चाहे वो दैनिक उपयोग का हो या सुख-समृद्धि का, रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुएं हों, या स्टील, सीमेंट व बिजली, सब पर हमें और ज्यादा पैसा खर्च करने की तैयारी कर लेनी चाहिए। रोजमर्रा एटीएम से पैसे निकालने तक या फिर टोल टैक्स, हर चीज़ महंगी होने वाली है।

1 जनवरी, 2022 से मोदी निर्मित अत्यधिक महंगाई के कारण हमारे जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव देखिएः-

कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस शासित प्रदेशों के विरोध के चलते तथा 5 राज्यों के चुनाव सामने देख अब इस बढ़ोत्तरी को आनन-फानन में 28 फरवरी तक मुल्तवी कर दिया गया है। चुनावों के कारण शायद यह तिथि 1 महीना और बढ़ा । गौर रहे कि निर्णय वापस नहीं लिया गया। चुनाव होते ही जनता पर यह टैक्स फिर लगा दिया जाएगा।  

1 जूते-चप्पलों की भी बढ़ेंगी कीमतें
जूते-चप्पलों (प्रति जोड़ा ₹1000 तक की कीमत वाले) पर जीएसटी दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। यह गरीब तथा आम जनमानस पर प्रहार है।

2         FMCG (Fast Moving Consumer Goods) उपभोक्ता वस्तुओं में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी
FMCG उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत 6 प्रतिशत से 10 प्रतिशत बढ़ेगी। वो डाबर हो, पारले, ब्रिटानिया, मैरिको या अन्य कंपनियां, सबके सब बिस्कुट से लेकर साबुन तक की कीमतें बढ़ा रहे हैं।

3.         एटीएम से अपना ही पैसा निकालने के लिए देना होगा और टैक्स
आरबीआई ने निशुल्क ट्रांज़ैक्शन की निर्धारित सीमा पूरी होने के बाद एटीएम से कैश निकालने पर शुल्क बढ़ाने की अनुमति दे दी है। आरबीआई के मुताबिक, निशुल्क ट्रांज़ैक्शन की सीमा पूरी होने के बाद, बैंक अपने ग्राहकों से ₹21 प्रति ट्रांज़ैक्शन शुल्क की वसूली करेंगे।

4.         ऑनलाईन टैक्सी/ऑटो रिक्शा की बुकिंग भी अब पड़ेगी जेब पर ज्यादा भारी
ओला और ऊबर जैसे ऐप एग्रीगेटर्स द्वारा ऑटो रिक्शा की राईड्स बुक करने पर ज्यादा पैसे चुकाने के लिए तैयार हो जाईये। 1 जनवरी से सरकार मौजूदा छूट को समाप्त कर ऑनलाईन ऑटो राईड बुक करने पर 5 प्रतिशत का जीएसटी शुल्क वसूलना शुरू कर देगी।

5.         कार या ऑटोमोबाईल खरीदना हो जाएगा महंगा
नए साल, 2022 में मारुति सुजुकी, रेनॉल्ट, होंडा, टोयोटा, और स्कोडा सहित लगभग सभी कार एवं ऑटो कंपनियों की कारें खरीदना और ज्यादा महंगा हो जाएगा। लागत बढ़ने के कारण ऑटो कंपनियां कीमतों में बढ़ोत्तरी करेंगी। टाटा मोटर्स ने 1 जनवरी, 2022 से अपने कमर्शियल वाहनों के मूल्य में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा कर दी है।

6.         सीमेंट की कीमतें बढ़कर हो जाएंगी ₹ 400 प्रति बैग
2021 में भी सीमेंट की कीमतें 15 प्रतिशत – 20 प्रतिशत तक बढ़ीं। हालत यह है कि एक साल पहले तक ₹330/ ₹340 में बिकने वाला सीमेंट का 50 किलो का बैग अब ₹400 पार करने की तैयारी में है।
7.         स्टील की कीमत भी आसमान पर पहुँची
साल 2020 से दिसंबर 2021 के बीच स्टील की कीमतों में स्टील कंपनियों ने 215 प्रतिशत वृद्धि की। अकेले नवंबर, 2021 में स्टील कंपनियों ने स्टील की कीमत ₹3000- ₹3500 प्रति टन बढ़ाई। कारण – स्टील उद्योग में कंपटीशन खत्म और अब ये मुट्ठीभर कंपनियों के हाथ में है – टाटा स्टील, जिंदल स्टील, आर्सलर मित्तल स्टील। मोदी सरकार की मूक सहमति है, कीमतें बढ़ रही हैं और लोग पिस रहे हैं। 2022 में फिर कीमतें बढ़ाने की तैयारी है।    

8.         इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने शुल्क बढ़ाया
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) खाताधारकों को 1 जनवरी से एक विशेष सीमा के ऊपर कैश निकालने या जमा करने के लिए शुल्क देना पड़ेगा। बेसिक बचत खाते से हर माह 4 बार पैसा निकालना निशुल्क होगा। इसके बाद, हर बार पैसा निकालने पर 0.50 प्रतिशत शुल्क अदा करना होगा।

नए साल के इन उपहारों के लिए मोदी जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

जानिए 2014 में सत्ता में आने के बाद, बीते सात सालों में मोदी सरकार ने महंगाई से कैसे आपको लूटा है:-
o   ₹71 प्रति लीटर का पेट्रोल और ₹56 प्रति लीटर का डीज़ल 100 रु. पार कर दिया।
o   ₹400 का खाना बनाने की गैस का सिलेंडर ₹1000 पार कर दिया।
o   खाने का तेल ₹90 से बढ़ाकर ₹200 से ₹250 तक कर दिया।
o   ‘दाल’ के दाम ₹60 प्रति किलो से बढ़कर ₹150 किलो को पार कर गए।

o   लोग सुकून से एक चाय की प्याली भी नहीं पी सकते। ₹120 किलो की चाय अब ₹300 से ₹400 किलो तक महंगी हो गई है। इतना ही नहीं, जिस जनता का नमक खाकर सत्ता की सौगंध खाई थी, भाजपा के लोगों ने उस नमक के साथ भी धोखा किया। नमक की कीमत भी ₹12 प्रति किलो से बढ़कर ₹22 प्रति किलो तक हो गई है। दाल, चना, राजमा, टमाटर, प्याज, सब्जी – हर खाने-पीने की चीज़ गरीब की थाली से दूर होती जा रही है।

साफ है कि देश की जनता कह रही है:-
o   मोदी है तो महंगाई है।
o   मोदी सरकार ही महंगाई है।
• मोदी और महंगाई, दोनों देश के लिए हानिकारक हैं।

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