मुंबई । मुंबई से गोवा पहुंचे एक शिप (जहाज) के कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने की खबर के बाद सनसनी फैल गई जिसके चलते 2,000 यात्री परेशाना में फंस गए हैं। उन्हें स्थानीय अधिकारियों ने तट पर उतरने की अनुमति नहीं दी है। जहाज के चालक दल का एक सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद सभी यात्रियों को जहाज में ही रोक दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि कॉर्डेलिया क्रूज एंप्रेस जहाज में सवार सभी यात्रियों की कोरोना जांच कराई गई है। उनके आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने तक उन्हें जहाज से उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पोर्ट ट्रस्ट के एक अधिकारी के मुताबिक, ‘जहाज को समुद्र तट से दूर रोक कर रखा गया है। हालांकि इसके सभी यात्री कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके हैं। फिर भी एक क्रू-मेंबर के संक्रमित पाए जाने के बाद एहतियातन सभी की कोरोना जांच कराई जा रही है। अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है।’
वॉस्को के सालगांवकर मेडिकल रिसर्च सेंटर (एसएमआरसी) में इन यात्रियों की कोरोना जांच चल रही है। अस्पताल से जुड़े पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर यूजीन डिसूजा ने बताया कि यात्रियों के सैंपल लेने की प्रक्रिया रविवार की रात 9.30 बजे शुरू हुई थी जो यह पूरी रात चली है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे का इस बारे में कहना है, ‘इस वक्त रोज अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से करीब 4,000 पर्यटक गोवा में उतर रहे हैं। सभी उड़ानों में कुछ यात्री कोरोना संक्रमित भी मिल रहे हैं। इसलिए हम जोखिम नहीं ले सकते। हमें कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना ही होगा।’ उन्होंने बताया कि अगले 15 दिन के भीतर गोवा में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन भी लग जाएगी। इससे ओमिक्रॉन संक्रमितों की पहचान जल्द हो सकेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक कर रहे हैं। इसमें कोरोना संक्रमण के मौजूदा प्रसार को रोकने के लिए कुछ और एहतियाती कदम उठाने का फैसला हो सकता है। गौरतलब है कि गोवा में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते शनिवार को यहां 310 नए मामले सामने आए। इससे अब तक मिले संक्रमण के कुल मामलों का आंकड़ा 1,81,182 हो गया है।