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सूरत।
शनिवार की सुबह नगर पधारे आचार्य महाश्रमणजी पर्वत पटिया होते हुए अणुव्रत द्वार पहुंचे। यहां से विशाल रैली कैनाल रोड होते हुए भगवान महावीर विश्वविद्यालय परिसर पहुंची। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के न्यासियों, कर्मचारियों एवं शहर के जैन नेताओं ने आचार्य महाश्रमणजी का भव्य स्वागत किया। इस मौके पर प्रोफेसर संजय जैन ने कहा कि आचार्य महाश्रमणजी का भव्य स्वागत किया गया। यह हमारा सौभाग्य है कि आचार्य श्री महाश्रमणजी 22 अप्रैल से अक्षय तृतीया पर भगवान महावीर विश्वविद्यालय के प्रांगण में विराजमान रहेंगे। कल 23 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर 1200 से अधिक तपस्वियों का यज्ञ होगा। 27 अप्रैल को भगवान महावीर विश्व विद्यालय के 1000 बच्चे आचार्यश्री के हाथों दीक्षांत समारोह में उपाधि ग्रहण करेंगे। इस अवसर पर परिसर के 15 हजार बच्चे अपने जीवन में नशामुक्त होने का संकल्प लेने जा रहे हैं. भगवान महावीर विश्वविद्यालय परिसर में आने की नैतिक कृपा दिखाने के लिए हम आचार्यश्री के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उनके आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए परिवार सहित पूरे परिसर के कर्मचारियों के साथ इक_ा होने का हमें सौभाग्य मिला। आने वाले दिनों में आचार्यश्री के व्याख्यान और दर्शन का लाभ शहरवासियों को भी मिलना चाहिए।
अनिल जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि महाश्रमणजी का भव्य स्वागत किया गया. अगले नौ दिनों तक उनकी मौजूदगी में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। 27 को दीक्षांत समारोह का अहम कार्यक्रम होगा। हम सौभाग्यशाली हैं कि आचार्य श्री 22 वर्ष बाद सूरत आए हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि भगवान महावीर परिसर में आए।
आज का दिन समस्त जैन समुदाय के लिए उत्सव का दिन है। हमारे आचार्य श्री सूरत की पावन भूमि पर पहुँच चुके हैं। यदि उनके चरण इस धरती पर पड़ेंगे तो यह धरती और पवित्र हो जाएगी। भगवान महावीर विश्वविद्यालय द्वारा आचार्य श्री का भव्य स्वागत किया गया। डॉ. हर्षिता जैन ने कहा कि मंगल यहां स्थित है और व्यक्ति परम आनंद का अनुभव कर रहा है। आचार्यश्री के आगमन से पहले ही पूरा परिसर खचाखच भर गया था। ट्रस्टी नीना जैन ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमारे परिसर में वर्षीतप जैसा महोत्सव होने जा रहा है। हमें बहुत गर्व है कि महाश्रमणजी बड़े महाराज हमारे परिसर में आए, इससे हमें खुशी और उत्साह का अनुभव होता है।