सूरत। सूरत वेसु मध्य में पहली बार 24 जिनालय प्रतिष्ठा महोत्सव का आज से 38-38 परमात्मा सह गुरु भगवंतो का भव्य वरघोड़े के साथ प्रवेश हुआ। सूरत के तेजी से विकसित हो रहे वेसु क्षेत्र में सूरत के जैनियों के अद्भुत प्रयासों और अच्छी भावना से सूरत के पहले 24 जिनालयों का निर्माण किया गया है, जहां 24 तीर्थंकर जैन धर्मावलंबी एक साथ जाकर दर्शन कर सकेंगे , ऐसे 26 शिखरों और 4 रंग मंडपों वाले एक विशाल महाजिनालय का निर्माण किया गया है, इसका कार्य पूरा होने वाला है। जो मूल नायक ऋषभदेव को प्रतिष्ठित करेगा और आबू-देलवाड़ा की नक्काशी की याद दिलाता । यह भव्य जिनालय जैनाचार्य श्री विजय रत्नचंद्रसूरीश्वरजी महाराज साहेब (डहेलावाला) की प्रेरणा और निश्रा से सर्जित है। उनकी उपस्थिति में भव्य महामहोत्सव 7 दिसंबर से 16 दिसंबर तक मनाया जाएगा. ता . 7 दिसंबर को, सभी जैनाचार्यों और 38 से अधिक जिन मूर्तियों को एक राजसी जुलूस में वेसु में भव्य प्रवेश हुआ। जिसमें – 38-38 भगवान सह गुरु भगवंत के प्रवेश की भव्य शोभा यात्रा वरघोडो, हाथी, 26 बागी, 4 घोड़े, बैंड, शहनाई, पंजाबी ढोल, नासिक ढोल खड़कवाड़ी, इत्यादि से शोभायात्रा निकली थी। शुभ अवसर पर प्रभुजी ने जिनालय में प्रवेश किया ता . 10 दिसंबर , रविवार को मूलनायक भगवान विगेरे का सम्मान किया जाएगा और 15 दिसंबर को एक भव्य सम्मान उत्सव मनाया जाएगा।
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