वाशिंगटन। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इंसानों की आयु बढ़ाने का रहस्य कछुआ और मगरमच्छ जानवरों में हो सकता है। दशकों से वैज्ञानिक एक ऐसे नुस्खे की खोज में लगे हैं जो उम्र को बढ़ने से रोक दे। इस नुस्खे में अब ठंडे खून वाले सरीसृप जैसे कछुए मदद कर सकते हैं। मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि वे इन जीवों में कुछ ऐसे लक्षणों का पता लगा सकते हैं, जिसे इंसानों में टारगेट किया जा सके। हालांकि टीम को अभी ऐसा कोई टार्गेट नहीं मिला है, लेकिन वे मानते हैं कि उन्हें इस खोज में कुछ साल लग सकते हैं।
प्रमुख शोधकर्ता ऐनी ब्रोनिकोव्स्की का कहना है कि जानवरों की उम्र का तुलनात्मक शोध मानव उम्र बढ़ने से संबंधित जैव चिकित्सा अध्ययन में काम आ सकता है। इस स्टडी के सह लेखक डेविड मिलर ने कहा, ‘अगर हम यह जानने में कामयाब हो जाएं कि आखिर इन जीवों की उम्र धीरे-धीरे कैसे बढ़ती है तो हम इंसानों की उम्र के बढ़ने को भी समझ सकेंगे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सैद्धांतिक रूप से ये विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में भी मदद कर सकता है।’ साइंस जर्नल में प्रकाशित स्टडी में शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने दुनिया भर में 77 अलग-अलग प्रजातियों के सरीसृप और उभयचरों को देखा। कुछ में उम्र बढ़ने के न के बराबर लक्षण दिखे। स्टडी में कहा गया कि सभी सजीवों की उम्र बढ़ती है और वह मरते हैं। लेकिन सभी एक ही तरह कमजोर होने से बुढ़ापे और मृत्यु का पैटर्न फॉलो नहीं करते हैं।
प्रोफेसर मिलर आगे कहते हैं न के बराबर उम्र बढ़ने का मतलब है कि अगर किसी जानवर के 10 साल की उम्र में मरने की संभावना एक प्रतिशत है तो वह अगर 100 साल तक जीवित रहता है तब भी उससे मरने की संभावना एक ही प्रतिशत रहती है। मालूम हो कि इंसान आज के समय 100 साल भी जिंदा नहीं रह पाता है। लेकिन कई जीव हैं जो लंबा जीवन जीते हैं। कछुआ और मगरमच्छ ऐसे सरीसृप हैं जो अपने ही आकार के जीवों से ज्यादा जीते हैं। मगरमच्छ 70 साल तो कछुए लगभग 150 साल या उससे भी ज्यादा समय तक जिंदा रह सकते हैं।