धनबाद । एक ओर जहां खिलाड़ियों को करोड़ों की रकम मिलती है। वहीं कुछ खिलाड़ियों को अपना गुजारा करना भी कठिन हो रहा है। झारखंड की अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर संगीता कुमारी गरीबी के कारण ईट-भट्टे पर काम कर रही हैं। देश के लिए पदक जीतने वाली संगीता की ओर किसी खेल संगठन का ध्यान नहीं जा रहा है। संगीताधनबाद स्थित बाघामारा बासमुड़ी की रहने वाली हैं और ईंट भट्टे में काम कर अपने परिवार के लिए रोटी का प्रबंध करने के लिए मजबूर है। राज्य सरकार ने एकबार मदद और सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया था पर अब तक उसे पूरा नहीं किया है। जिससे संगीता तंगहाली में पहुंच गयी है।
संगीता ने साल 2018-19 में अंडर-17 में भूटान और थाईलैंड में हुए अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप में खेला था और झारखंड का गौरव बढ़ाया था। संगीता ने जीत के साथ कांस्य पदक भी हासिल किया था। संगीता के पिता ने कहा कि उन्हें उमीद थी कि उसकी बेटी फुटबॉल की अच्छी खिलाड़ी है तो सरकार कुछ करेगी, लेकिन कुछ नहीं मिला।
इन सभी कठिनाइयों के बाद भी संगीता ने फुटबॉल का अभ्यास जारी रखा है। हर रोज सुबह प्रतिदिन वह मैदान में अभ्यास करती हैं। चार महीने पहले उसने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर मदद मांगी थी, जिसपर मुख्यमंत्री ने मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार का कोई मदद नहीं मिली है। संगीता ने कहा कहा कि राज्य सरकार की बेरुखी से ही कई खिलाड़ी अन्य राज्यों में खेलने चली गयी हैं।